Manisha Dhanwani
27 Sep 2025
Manisha Dhanwani
27 Sep 2025
Shivani Gupta
26 Sep 2025
सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत जिले में बीती रात लगभग 1:47 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई। अचानक आए झटकों से कई लोग नींद से जाग गए और घबराकर घरों से बाहर निकल आए। सौभाग्य रहा कि इस हलचल में किसी भी तरह की जनहानि या संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र सोनीपत ही था। रात के समय आने के कारण लोगों को शुरुआत में समझ नहीं आया कि क्या हुआ। हल्के झटके होने के बावजूद इसे स्पष्ट रूप से महसूस किया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक जमीन हिलने से डर का माहौल बन गया, लेकिन किसी प्रकार की अनहोनी की पुष्टि नहीं हुई।
हरियाणा में इस साल कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। प्रमुख घटनाओं में शामिल हैं:
1 सितंबर: गुरुग्राम में आधी रात को 6.2 तीव्रता का भूकंप, केंद्र हिंदूकुश क्षेत्र।
10 अगस्त: झज्जर में 3.1 तीव्रता।
22 जुलाई: फरीदाबाद में 3.2 तीव्रता।
17 जुलाई: झज्जर में 2.5 तीव्रता।
16-17 जुलाई: रोहतक में 3.6 तीव्रता।
11 जुलाई: झज्जर में 3.7 तीव्रता।
10 जुलाई: झज्जर में 4.4 तीव्रता, असर दिल्ली-एनसीआर तक महसूस हुआ।
27 जून: महेंद्रगढ़ में 2.8 तीव्रता।
इन घटनाओं से पता चलता है कि हरियाणा में भूकंप की गतिविधि समय-समय पर होती रहती है।
हरियाणा और आसपास के इलाके सिस्मिक जोन-4 में आते हैं, जिसे मध्यम से उच्च भूकंप जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है। हिमालयी टकराव क्षेत्र से महज 250 किलोमीटर दूर होने के कारण, भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के बीच लगातार ऊर्जा जमा होती रहती है। समय-समय पर यह ऊर्जा फटकर बाहर निकलती है और भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
क्षेत्र में कई सक्रिय भ्रंश रेखाएं मौजूद हैं, जिनमें शामिल हैं:
धरती की सतह 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है। ये प्लेट्स लगातार हिलती-डुलती रहती हैं। जब दो प्लेट्स आपस में टकराती हैं, उनके किनारे मुड़ जाते हैं और अंदर दबाव बनता है। जब यह दबाव ज्यादा बढ़ जाता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे से ऊर्जा बाहर निकलती है। यही ऊर्जा जब सतह तक पहुंचती है, तो हम उसे भूकंप के रूप में महसूस करते हैं।
रिवर्स फॉल्ट: जमीन का एक हिस्सा ऊपर उठता है।
नॉर्मल फॉल्ट: जमीन का एक हिस्सा नीचे चला जाता है।
स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट: प्लेट्स के घर्षण से जमीन आगे या पीछे खिसकती है।
0–1.9: केवल सिस्मोग्राफ पर पता चलता है।
2–2.9: हल्का कंपन।
3–3.9: ट्रक के गुजरने जैसा असर।
4–4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं, फ्रेम गिर सकते हैं।
5–5.9: भारी फर्नीचर हिल सकता है।
6–6.9: इमारतों की नींव दरक सकती है।
7–7.9: इमारतें गिर सकती हैं, पाइप फट सकते हैं।
8–8.9: बड़े पुल और इमारतें गिर सकती हैं।
9 से ज्यादा: पूरी तबाही, सुनामी का खतरा।
हरियाणा के सोनीपत में 3.4 तीव्रता का भूकंप हल्का था, लेकिन यह बार-बार आने वाली हलचल की याद दिलाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में भी इस क्षेत्र में हलके या मध्यम भूकंप की संभावना बनी रहेगी।