Shivani Gupta
17 Sep 2025
Shivani Gupta
17 Sep 2025
Peoples Reporter
17 Sep 2025
Shivani Gupta
17 Sep 2025
Mithilesh Yadav
17 Sep 2025
Mithilesh Yadav
17 Sep 2025
प्रवीण श्रीवास्तव, भोपाल। 29 साल की रोहिणी वर्मा (परिवर्तित नाम) 2 साल पहले पेट दर्द के चलते अस्पताल गईं। वहां जांच में पता चला कि पेट में बालों का गुच्छा है, जो स्टोन में बदल गया है। ऑपरेशन से गुच्छे को निकाल दिया गया। फिर वही तकलीफ हुई और जांच में पता चला कि पेट में फिर बालों का गुच्छा जमा हो गया है। दो साल में दो बार दिक्कत होने पर डॉक्टर ने मनोचिकित्सक से उनकी काउंसलिंग कराई। पता चला कि वह बाल नोचकर खाने की बीमारी से ग्रसित हैं।
गुस्से या तनाव के दौरान वह अपने बालों को नोचती थीं। डॉक्टरी भाषा में इसे ट्राइकोसिलोमेनिया कहते हैं। जेपी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा मनोवैज्ञानिक डॉ. राहुल शर्मा बताते हैं कि कुछ दिन पहले उनकी ओपीडी में भी एक महिला आई थी, जो इस डिसऑर्डर से पीड़ित थी। वह गुस्सा होने पर सिर के बाल व हाथ-पैरों और भौंहों के बालों को भी नोच लेती थी। मेडिसिन के साथ साइकोथैरेपी के माध्यम से उसका इलाज किया गया था।
जो लोग डिप्रेशन, एंग्जायटी, मोटापे या ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर से ग्रसित होते हैं, उनमें भी इस प्रकार की समस्या देखी जा सकती है। पीड़ित के परिवार में किसी को हेयर पुलिंग डिसऑर्डर है, तो दूसरे व्यक्ति में भी यह समस्या हो सकती है। जो लोग अधिक तनाव ग्रस्त रहते हैं, उन्हें समस्या की आशंका ज्यादा रहती है। - डॉ. रुचि सोनी, असि. प्रोफेसर, मनोचिकित्सा विभाग जीएमसी