Naresh Bhagoria
14 Dec 2025
इंदौर में हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाईटेक फूड एंड ड्रग लैब का उद्घाटन किया था। वहीं, अब इस लैब का असर दिखने लगा है। अक्टूबर में जिला प्रशासन इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा के आदेश पर पालदा में एक घी फैक्ट्री पर कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई में 20 लाख रुपए का घी जब्त किया गया था। इस घी के सेंपल की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।इन घी के 10 सेंपल की जांच में सात में भारी मात्रा में गड़बड़ी मिली है। इसके बाद कुछ सेंपल को उच्च स्तर की जांच के लिए केंद्र की मैसूर लैब में भेजा गया है। इस घी में जानवरों के अंश मिले हैं। यह बात लैब के अधिकारियों ने प्रशासन को बता दी है। वहीं, इस घी के अंदर वास्तव में घी की मात्रा 10-20 फीसदी के बीच ही आई है। बाकी इसमें वनस्पति और तेल निकला है।
घी के कई प्रकार के नमूने लिए गए थे। इनमें घी लूज, SRMI मदर चॉइस गाय का घी 1 लीटर, SRMI मदर चॉइस गाय का घी 500ml, SRMI मदर चॉइस घी 100ml, SRMI मिल्क क्रीम गाय का घी 500ml और SRMI मिल्क क्रीम देशी घी 1 लीटर शामिल थे।
इस फर्म के मूल मालिक गुप्ता और उनकी पत्नी मंजू अग्रवाल हैं। इन्होंने साल 2018 में काम शुरू किया था। वहीं, मिलावट के मामले में 2021 में केस हुआ और पत्नी जेल भी गई थी। इसके बाद गुप्ता ने पत्नी को अलग कर ओमप्रकाश को हिस्सेदार बना दिया, जो उनका नौकर था।
इसके बाद कई जिलों में इंदौर, उज्जैन, हरदा, धार, देवास, मंदसौर आदि में इसके सेंपल फेल हुए, तो खुद भी अलग हो गया था। इसके साथ ही, कागजों पर मालिक ओमप्रकाश को बना दिया। वहीं, बैंक में पूरा लेन-देन गुप्ता और मंजू के नाम पर ही हो रहा है। घी का ट्रेडमार्क भी इन्हीं के नाम पर है।
फूड एंड सेफ्टी ऑफिसर मनीष स्वामी ने फर्म की जांच की। जांच में पाया गया कि एक ही परिसर में कुल तीन खाद्य प्रतिष्ठान चल रहे हैं।
ये प्रतिष्ठान हैं-
1. श्री राम मिल्क फूड डेरी इंडस्ट्रीज
2. SRMI राम मिल्क फूड एंड डेरी इंडस्ट्रीज
3. SRMI मिल्क फूड डेरी इंडस्ट्रीज LLP।
तीनों प्रतिष्ठानों का खाद्य सामग्री का भंडारण एक ही जगह पर किया जाता है।
खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम ने शनिवार को गाड़ी अड्डा, इंदौर स्थित श्याम मार्केटिंग पर बड़ी कार्रवाई की। टीम ने घी के सेंपल लिए, क्योंकि उसमें नकली होने की आशंका थी। मौके पर सौरभ शीतलानी मौजूद थे और परिसर में खाद्य पदार्थ घी पाया गया। यह घी बहुत सस्ता था, जिसकी कीमत केवल 270 रुपए थी। इससे माल नकली होने का शक हुआ।