Mithilesh Yadav
31 Oct 2025
Aditi Rawat
31 Oct 2025
Hemant Nagle
31 Oct 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शौर्य स्मारक से ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और सभी को राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा बनाए रखने की शपथ दिलाई।
राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम में लगभग दो हजार युवाओं ने भाग लिया। यह मैराथन शौर्य स्मारक से शुरू होकर व्यापम चौराहा, बोर्ड ऑफिस चौराहा, डीबी मॉल, एमपी नगर, कोर्ट तिराहा और जेल मुख्यालय तिराहा से होती हुई लाल परेड मैदान पर समाप्त हुई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को मजबूत करने का यह कार्यक्रम सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के प्रति सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, सरदार पटेल ने 562 रियासतों को मिलाकर एक भारत का निर्माण किया और प्रशासनिक तंत्र को मजबूती दी। सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य करके उन्होंने देश के स्वाभिमान को जगाया। हमें उनके कार्यों और सिद्धांतों को स्मरण करते हुए देश की एकता के लिए निरंतर प्रयासरत रहना होगा।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में यह भी घोषणा की कि इस बार मध्यप्रदेश स्थापना दिवस भव्य रूप से मनाया जाएगा। तीन दिवसीय कार्यक्रमों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी, जिनमें सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य विशेष आकर्षण रहेगा। उन्होंने कहा कि 'मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस प्रदेश की समृद्ध विरासत, संस्कृति और विकास योजनाओं का प्रतीक बनेगा। सरकार इस आयोजन को सभी वर्गों की भागीदारी से यादगार बनाएगी।'
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन संघर्ष और राष्ट्र सेवा का उदाहरण है। उन्होंने कहा, समाधान की योजना बनाना आसान होता है, लेकिन अमल कठिन। जब देश विभाजन की पीड़ा से गुजर रहा था, तब पटेल ने एक लौह पुरुष की तरह चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने नेहरू और कांग्रेस की गलतियों को सुधारने का भरसक प्रयास किया।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल के सपनों को साकार करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा, 'तीन तलाक का कलंक खत्म हुआ, धारा 370 हटाई गई, और कश्मीर में शांति स्थापित हुई। हमने पाकिस्तान को कई बार उसके घर में घुसकर जवाब दिया। सरदार पटेल के सपनों का भारत अब साकार हो रहा है।' उन्होंने कहा कि 'झंडा कितना भी अच्छा हो, लेकिन डंडा अगर मजबूत न हो तो झंडे की ताकत नहीं टिकती, इसलिए हम राष्ट्र की सुरक्षा और सामर्थ्य को मजबूत कर रहे हैं।'
सीएम मोहन यादव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मसले को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ले जाना उस समय की एक बड़ी भूल थी। उन्होंने कहा, 'सरदार पटेल का मानना था कि देश के मसलों को देश के भीतर ही सुलझाना चाहिए। तीसरे पक्ष की पंचायत की कोई जरूरत नहीं है। आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी भाव पर कायम हैं- कि भारत के मुद्दे भारत ही सुलझाएगा।'
मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल के जीवन की ऐतिहासिक झलकियां भी साझा कीं। उन्होंने कहा, 'पटेल किसान परिवार से आते थे। उन्होंने बारडोली आंदोलन में किसानों के हितों के लिए संघर्ष किया। जब अंग्रेजों ने अकाल के समय टैक्स वसूला, तो पटेल ने उसका विरोध किया। गांधीजी के साथ उन्होंने उस आंदोलन का नेतृत्व किया। इसी बारडोली आंदोलन के बाद जनता ने उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि दी।'
मुख्यमंत्री ने बताया कि जब अंग्रेजों ने भारत छोड़ने की घोषणा की, तो देश को 562 रियासतों में बांटकर जाने की साजिश रची। उस कठिन समय में सरदार पटेल ने अपनी कुशल राजनीतिक बुद्धिमत्ता और दृढ़ इच्छाशक्ति से सभी रियासतों को एक सूत्र में पिरोया। उन्होंने कहा, 'भोपाल, हैदराबाद और जूनागढ़ जैसी रियासतें भारत में शामिल होने से हिचकिचा रही थीं, लेकिन पटेल ने उन्हें समझाकर एक भारत का निर्माण किया। यही उनकी असली ताकत थी।'
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि गृह मंत्री रहते हुए सरदार पटेल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की नींव रखी। उन्होंने कहा, सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कर उन्होंने एक हजार साल पुराना विवाद खत्म किया। सरकारी सहायता के बिना मंदिर का जीर्णोद्धार कर उन्होंने भारत की आत्मा को जगाया।