इंदौर - शहर में एक बाइक सवार को बीआरटीएस लेन में बाइक चलाना भारी पड़ गया। युवक ने यातायात जवान को देख गाड़ी नहीं रोकी ।जब उसे रोका तो उसने पहले स्टाफ बताकर पुलिस को अपना आईडी कार्ड दिखाया । जिसपर शक होने पर उसकी तलाशी ली तो महाशय ने एक वर्दी अपने बैग में रखी हुई थी। वर्दी देख तो शक ओर गहरा गया। जिसके बाद उससे जब सवाल तो उसने बताया की वह सिपाही की परीक्षा दे चुका है।लेकिन उसने यह सब अभी बनवाया हैं। लेकिन उसने भर्ती से पहले ही वर्दी क्यों खरीद ली ओर उसने आई डी कार्ड क्यों बनवाया यह वो कुछ नहीं बताया पाया।
संयोगितागंज पुलिस के अनुसार शुक्रवार शाम ट्रैफिक के पुलिसकर्मियों की गीता भवन चौराहे पर ड्यूटी लगी थी। तभीं बीआरटीएस लेन में चल रहे एक बाइक सवार को पकड़ा। इस पर युवक खुद को सिपाही बताने लगा, लेकिन बातचीत में शंका होने पर ट्रैफिक के सिपाही सुल्तान रावत ने उसका आईडी कार्ड मांगा। युवक ने आइडी कार्ड बताया और कहा कि वह लाइन में पदस्थ है। आईडी कार्ड जांचने पर उस पर धर्मेंद्र चौहान (बैच नं. 480) लिखा था। सिपाही ने कार्ड को सूक्ष्मता से जांचा तो वह फर्जी निकला। थोड़ी सख्ती दिखाने पर युवक ने अपना नाम विवेक पिता महाराज सिंह चौहान निवासी मेघदूत नगर बताया। मूलत: रायसेन निवासी विवेक चौहान ने बताया कि वह एयू स्माल फाइनेंस में काम करता है। विवेक का बैग चेक करने पर उसमें वर्दी भी मिल गई। सख्ती करने पर उसने कहा कि उसने पुलिस भर्ती परीक्षा दी है। दोस्तों ने कहा था कि परीक्षा देने पर पुलिस में भर्ती माना जाता है। इसलिए उसने वर्दी खरीद ली। पुलिस के मुताबिक मामले में सुल्तान रावत की शिकायत पर विवेक चौहान पर केस दर्ज किया है। यह घटना उस समय सामने आई जब यातायात उपनिरीक्षक प्रकाश किरार और उनकी टीम की महिला कांस्टेबल भूली राडार और कांस्टेबल सुल्तान रावत यातायात व्यवस्था संभाल रहे थे।
पहले पकड़ा चुके हैं ऐसे कई शातिर
कुछ साल पहले इंदौर के रावजी बाजार पुलिस द्वारा नकली पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी के कब्जे से नकली सील, स्टाम्प, मकान की रजिस्ट्री, चेक बुक, विभिन्न बैकों के एटीएम कार्ड, पुलिस की टोपी, पिस्टल का कवर, दोपहिया वाहन मिले थे। पवन उर्फ पृथ्वीराज उर्फ विक्की को बाणगंगा थाना क्षेत्र के दुर्गा नगर से गिरफ्तार किया था। आरोपी फोटोज एवं मोबाइल,ऐप का उपयोग कर नंबरों से फर्जी कॉल बनाकर लोगों को प्रभाव में लेने के लिए स्वयं को पुलिस अधिकारी बताता था। आरोपी पुलिस विभाग से संबंधित मामलों को निपटाने का बोलकर पैसे लेकर और इसी के साथ-साथ ही आरोपी ने स्वयं को नेशनल एंटी करप्शन एण्ड ऑपरेशन कमेटी ऑफ इंडिया का सदस्य कार्ड बताते हुए सस्ते लोन दिलाने के नाम पर ठगी करता था।