मुंबई। भारत के जाने-माने बिजनेसमैन और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार देर शाम निधन हो गया। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। उन्होंने अपनी ही कंपनी में कर्मचारी बनकर काम किया, वहीं अपने कारोबार से होने वाली आमदनी का 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा दान करके देश के सबसे बड़े दानवीरों में शुमार रहे।
बायोग्राफी
- माता : सूनू टाटा, पिता-नवल टाटा
- परदादा : टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा
- शिक्षा : कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की पढ़ाई की
युवा रतन से परफेक्ट बिजनेसमैन तक सफर
बचपन से दादी ने पाला: रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। बचपन में ही साल 1948 रतन टाटा के माता-पिता अलग हो गए थे। इसके बाद उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया था।
अमेरिका से ली डिग्री: अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से रतन टाटा ने बी.आर्क की डिग्री प्राप्त की थी। पढ़ाई पूरी कर भारत लौटने से पहले उन्होंने करीब 2 साल तक लॉस एंजिल्स में जोन्स और इमन्स के साथ नौकरी भी की थी। साल 1962 के अंत में दादी की तबीयत खराब होने चलते वह भारत वापस लौट आए थे।
टाटा स्टील से ऐसे की शुरुआत: लौटने के बाद अपने पारिवारिक बिजनेस ग्रुप Tata के साथ करियर शुरू किया। जिस कंपनी ने Tata Family के सदस्य मालिक की पोजीशन पर थे, उस कंपनी में रतन टाटा ने एक सामान्य कर्मचारी के तौर पर काम शुरू किया। इस दौरान उन्होंने टाटा स्टील के प्लांट में चूना पत्थर को भट्ठियों में डालने जैसे काम भी किए और बिजनेस की बारीकियों को सीखीं थी।
कारोबार का वैश्विक विस्तार किया: 1991 में उन्होंने टाटा ग्रुप की कमान थामी और फिर कारोबार विस्तार पर फोकस करना शुरू कर दिया। उन्होंने वैश्विक विस्तार किया और टाटा टी (Tata Tea), टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाटा स्टील (Tata Steel) जैसी कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहुंचाया।
रतन टाटा ऐसे बिजनेसमैन थे, जो अपने कारोबार से होने वाली आमदनी का 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा टाटा ट्रस्ट के जरिए दान करते थे।
मेजर बिजनेस डील्स
- वर्ष 2000 में 450 मिलियन अमरीकी डॉलर में टेटली का अधिग्रहण।
- 2007 में 6.2 बिलियन पाउंड में स्टीलमेकर कोरस कंपनी से डील्स।
- वर्ष 2008 में 2.3 बिलियन अमरीकी डॉलर में कार कंपनी जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण।
- रतन टाटा के नेतृत्व में ग्रुप ने ब्रूनर मोंड, जनरल केमिकल इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और देवू जैसी कंपनियों का भी अधिग्रहण किया।
सम्मान
- पद्म विभूषण (2008)
- पद्म भूषण (2000)
- ऑनररी नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (2009)
- इंटरनेशनल हेरिटेज फाउंडेशन का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (2009)
- आस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया से सम्मानित किया गया (2023)
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