Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर जिले की एक 20 वर्षीय छात्रा की आत्मदाह से हुई मौत के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मुद्दे पर अब सियासी आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा इस घटना को बीजेपी की व्यवस्था द्वारा की गई सुनियोजित हत्या कहे जाने पर केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कड़ा जवाब दिया है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को छोटी सोच और सस्ती राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि इतनी गंभीर घटना पर राजनीतिक रोटियां सेंकना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
अपने X पोस्ट में प्रधान ने लिखा, “ओडिशा की बेटी से जुड़ी इस दुखद घटना पर राहुल गांधी और कांग्रेस द्वारा खेली गई सस्ती राजनीति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। एक संवेदनशील विषय को राजनीतिक हथियार बनाना राहुल गांधी की छोटी सोच को दर्शाता है। पूरी देश इस घटना से दुखी है, लेकिन कांग्रेस इसे भी राजनीति का जरिया बना रही है।”
प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा हमेशा महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के लिए गंभीर रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ओडिशा सरकार इस मामले में पूरी संवेदनशीलता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने राहुल गांधी से मांग की कि वह पीड़िता के परिवार से माफी मांगें और इस संवेदनशील मामले को राजनीति से दूर रखें।
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में इस घटना को बीजेपी की व्यवस्था द्वारा की गई सुनियोजित हत्या बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़िता यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठा रही थी। उसे न्याय नहीं मिला बल्कि बार-बार धमकाया और अपमानित किया गया।

राहुल गांधी ने लिखा, “ओडिशा में न्याय की लड़ाई लड़ रही बेटी की मौत आत्महत्या नहीं, व्यवस्था द्वारा की गई हत्या है। उसे न्याय की जगह धमकी, प्रताड़ना और अपमान मिला। मोदी जी, मणिपुर से ओडिशा तक बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, मर रही हैं और आप चुप हैं। देश को आपके जवाब चाहिए। बेटियों को सुरक्षा और न्याय चाहिए।”
13 जुलाई को ओडिशा की फकीर मोहन कॉलेज की एक 20 वर्षीय छात्रा ने कथित यौन शोषण और लगातार प्रताड़ना से तंग आकर खुद को आग लगा ली थी। बताया गया है कि छात्रा ने कॉलेज के विभागाध्यक्ष के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत पहले कॉलेज प्रशासन और प्रिंसिपल से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
छात्रा को 90% से अधिक जला हुआ हालत में बालासोर जिला अस्पताल से AIIMS भुवनेश्वर रेफर किया गया था, जहां 15 जुलाई को उसकी मौत हो गई।
आम लोग सोशल मीडिया पर पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, कई संगठन और छात्र समूह इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे हैं।