Manisha Dhanwani
30 Dec 2025
Aakash Waghmare
28 Dec 2025
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने नकली नोटों का बड़ा रैकेट पकड़ा है। रायपुर निवासी पति-पत्नी अरुण कुमार तुरंग और राखी तुरंग ने आर्थिक तंगी के चलते घर पर ही मिनी करेंसी फैक्ट्री लगाकर 100, 200 और 500 रुपए के नोट छापने शुरू किए थे। दंपति ने नकली नोट साप्ताहिक बाजारों में छोटे व्यापारियों को देकर कारोबार चलाया। पुलिस ने मौके से कुल 1.70 लाख रुपए नकली मुद्रा, कलर प्रिंटर और स्पेशल पेपर जब्त किया।
29 दिसंबर, 2025 को रानीतराई थाना क्षेत्र के साप्ताहिक बाजार में सब्जी विक्रेता तुलेश्वर सोनकर ने 500 रुपए का नकली नोट पकड़ा। दंपति ने मटर-मिर्च खरीदी और 500 रुपए का नोट दिया, जबकि बाकी पैसे लौटा दिए। तुलेश्वर ने नोट की जांच की तो वह नकली निकला। बाद में अन्य व्यापारियों ने भी बाजार में नकली नोट चलने की सूचना दी।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, आर्थिक तंगी दूर करने के लिए उन्होंने नकली नोट बनाने का तरीका यूट्यूब से सीखा। दंपति ने ऑनलाइन माध्यम से कलर फोटो कॉपी प्रिंटर और स्पेशल बॉन्ड पेपर मंगाया। अपने घर में ही वे 100, 200 और 500 रुपए के नकली नोट छाप रहे थे। मुख्य आरोपी अरुण कुमार के खिलाफ पहले भी चोरी का मामला दर्ज है।

पुलिस ने रायपुर स्थित दंपति के घर की तलाशी ली। तलाशी में 1,65,300 रुपए के नकली नोट, कलर फोटो कॉपी मशीन और स्पेशल बॉन्ड पेपर बरामद हुए। इसके अलावा, रानीतराई बाजार में चलाने के लिए 5,200 रुपए नकली नोट भी उनके पास मिले। कुल मिलाकर पुलिस ने 1,70,500 रुपए के नकली नोट जब्त किए।
आरोपी दंपति ने पहले पाटन के बाजारों में नोट खपाए और फिर रानीतराई पहुंचे। इस घटना के बाद स्थानीय व्यापारियों और सब्जी विक्रेताओं में हड़कंप मच गया। अब बाजार में हर बड़े नोट को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। दंपति नोटों पर मिट्टी भी लगाते थे ताकि पुराने और चलन वाले नोट जैसी छवि बन सके।
दुर्ग पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने में लगी है कि रैकेट में और कौन शामिल है और अब तक कितनी नकली मुद्रा बाजार में पहुंच चुकी है। SSP विजय अग्रवाल ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है और पूरे नेटवर्क को उजागर किया जाएगा।