Shivani Gupta
25 Sep 2025
Mithilesh Yadav
24 Sep 2025
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण के बाद भारत ने कड़ा पलटवार किया। भारत की स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद, झूठे दावों और कश्मीर मुद्दे पर आईना दिखाया।
पेटल गहलोत ने कहा कि, सुबह पूरी सभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का भाषण सुना, जिसमें उन्होंने आतंकवाद का महिमामंडन किया। उन्होंने याद दिलाया कि, इसी साल अप्रैल में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'रेसिस्टेंस फ्रंट' जैसे आतंकी संगठन का बचाव किया था, जो जम्मू-कश्मीर में निर्दोष पर्यटकों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार था।
उन्होंने कहा कि, यह वही पाकिस्तान है जिसने सालों तक ओसामा बिन लादेन को पनाह दी और आतंकी कैंप चलाने की बात उसके मंत्री खुद स्वीकार कर चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान का शांति की बात करना महज दिखावा है।
भारत ने पाकिस्तान के झूठे दावों पर भी सवाल उठाए। पेटल गहलोत ने कहा कि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जिस जीत का दावा कर रहे हैं, वह दरअसल भारतीय हमले में नष्ट हुए उनके एयरबेस, टूटे रनवे और जले हैंगर की तस्वीरें हैं। ये तस्वीरें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। अगर पाकिस्तान इन्हें जीत मानता है तो यह उसकी सोच को दर्शाता है।
भारत ने साफ किया कि, भारत और पाकिस्तान के बीच सभी लंबित मुद्दे केवल द्विपक्षीय स्तर पर ही सुलझाए जाएंगे। किसी तीसरे पक्ष, चाहे वह कोई भी हो, उसकी इसमें कोई भूमिका नहीं होगी। भारत ने पाकिस्तान को सलाह दी कि, यदि वह सचमुच शांति चाहता है तो तुरंत सभी आतंकी शिविर बंद करे और भारत में वांछित आतंकवादियों को सौंप दे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने भाषण में दावा किया कि, भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान की जीत हुई थी और उन्होंने सात भारतीय विमान गिराने का दावा किया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग दोहराई और भारत पर इस त्रासदी का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही कहा कि, भारत का कट्टरपंथी हिंदुत्व दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है।
शरीफ ने सिंधु जल संधि को भारत द्वारा तोड़े जाने की बात कही और धमकी दी कि पाकिस्तान अपने 24 करोड़ लोगों के पानी के अधिकार की रक्षा युद्ध की तरह करेगा। उन्होंने कश्मीर मुद्दा उठाते हुए UN जनमत संग्रह की मांग दोहराई।
इसके अलावा, शरीफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दखल की वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध टला। इसी कारण पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया।
भारत की राजनयिक पेटल गहलोत ने शरीफ के इन दावों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, पाकिस्तान वही देश है जिसने आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का हिस्सा बना लिया है। उन्होंने कहा, “भारत आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों में फर्क नहीं करेगा। दोनों को ही जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि, पाकिस्तान नफरत और कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर आस्था और शांति की बातें करता है। भारत ने साफ कर दिया कि वह आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकने वाला नहीं है।