Aakash Waghmare
17 Nov 2025
नई दिल्ली। भारत के आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित चाणक्य डिफेंस डायलॉग में ऑपरेशन सिंदूर और देश की सुरक्षा नीति पर अहम बातें साझा की। उन्होंने कहा कि, ऑपरेशन सिंदूर फिल्म जैसी कहानी नहीं थी, बल्कि 88 घंटे का ट्रेलर था। अगर पड़ोसी देश फिर से हमला करता है तो भारत पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि, भारत प्रगति और शांति की बात करता है, लेकिन आतंक फैलाने वालों को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाना जरूरी है।
जनरल द्विवेदी ने बताया कि, भारतीय सेना अब पांच जेनरेशन के वॉरफेयर के अनुसार खुद को तैयार कर रही है। पहले युद्ध में फैसले लेने में दिन लगते थे, लेकिन अब 48 घंटे के अंदर युद्ध में पूरी ताकत लगाई जा सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि, असली ताकत तब होती है जब दुश्मन को यकीन हो कि कोई गलती करने पर भारत तुरंत जवाब देगा।
आर्मी चीफ बोले- भारत की नीति हमेशा से साफ रही है, पानी और खून साथ नहीं बह सकते, बातचीत और आतंक साथ नहीं चल सकते।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि, डिफेंस डिप्लोमेसी में सेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले साल अक्टूबर में भी स्पष्ट किया था कि, रक्षा क्षेत्र में सीखने और योगदान देने के लिए सेना का योगदान अहम है।
जनरल ने बताया कि, अक्टूबर 2024 से भारत-चीन संबंधों में बड़ा बदलाव आया। 21 अक्टूबर 2024 को पूर्वी लद्दाख में हुए समझौते से दोनों देशों को लाभ हुआ और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिली।
आर्मी चीफ ने कहा कि, आज आम नागरिक पूरे भारत में घूमना चाहते हैं और जम्मू-कश्मीर में हालात सुधरने के बाद लोग वापस लौट रहे हैं। इस साल 21 आतंकियों को ढेर किया गया, जिनमें 61% पाकिस्तानी थे। कश्मीर में पत्थरबाजी और नारेबाजी जैसी घटनाएं लगभग खत्म हो गई हैं।
जनरल द्विवेदी ने बताया कि, सेना बड़े बदलाव और सुधार की दिशा में काम कर रही है। रक्षा मंत्री ने इस साल को 'ईयर ऑफ रिफॉर्म' घोषित किया, जबकि सेना 10 साल के लंबे बदलाव पर काम कर रही है। उन्होंने आधुनिक युद्ध के बदलते चेहरे पर भी ध्यान दिया। अब युद्ध केवल जमीन, समुद्र और हवा तक सीमित नहीं है। इसमें साइबर, स्पेस, इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और कॉग्निटिव वॉरफेयर जैसे नए मोर्चे जुड़ गए हैं।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि, पद संभालने के बाद देश के शीर्ष नेताओं ने भरोसा दिलाया कि बजट की चिंता न करें। 2024-25 में रक्षा खरीद के लिए ₹22,000 करोड़ मिले थे, जिन्हें बढ़ाकर ₹28,000-39,000 करोड़ किया गया।
5 नवंबर 2025: दुनिया में खतरे तेजी से बदल रहे हैं, कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं रह सकता। मिलकर काम करने से ही मजबूत सुरक्षा कवच बनता है।
1 नवंबर 2025: ऑपरेशन सिंदूर धर्म युद्ध नहीं, लेकिन किसी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया गया, और किसी धार्मिक प्रार्थना के समय हमला नहीं किया गया।