Mithilesh Yadav
17 Nov 2025
अगर आपसे कोई पूछे कि कश्मीर की वादियां क्यों इतनी मनमोहक होती हैं, तो जवाब होगा - फूलों से ढकी घाटियां, बर्फीले पहाड़ और शांत झीलें। लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि ऐसा ही एक नजारा, उतना ही खूबसूरत और जादुई, इंदौर के बहुत करीब भी मौजूद है? लोग इसे प्यार से ‘मिनी कश्मीर’ कहते हैं।
मध्यप्रदेश के दिल में बसा छोटा सा गुलावट गांव सुबह की पहली किरणों में और भी जादुई लगने लगता है। जब सूरज की किरणें पानी पर खिले हजारों कमल के फूलों पर पड़ती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे आसमान और धरती के बीच गुलाबी रंग का एक सुंदर पुल बन गया हो। यह नजारा सिर्फ देखने में नहीं, बल्कि महसूस करने में भी किसी कहानी जैसा लगता है।
इंदौर से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर गुलावट गांव में बसी लोटस वैली सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि प्रकृति का अद्भुत तोहफा है। लगभग 300 एकड़ में फैली यह जगह गुलाबी, सफेद और लाल कमल के फूलों से ढकी रहती है। दूर से देखने पर पूरा दृश्य ऐसा लगता है मानो झील और आसमान का संगम हो। यही कारण है कि यह जगह एशिया के प्रमुख नेचुरल टूरिस्ट स्पॉट्स में अपनी जगह बना चुकी है।
लोटस वैली की खूबसूरती सिर्फ फूलों तक सीमित नहीं है। सुबह के समय फैला कोहरा, पानी की सतह पर झिलमिलाते फूल, पक्षियों की मधुर आवाज और ताजी हवा का मिश्रण इस जगह को जादुई अनुभव बना देता है। यहां आकर पर्यटक सिर्फ फोटो नहीं लेते, बल्कि महसूस करते हैं कि प्रकृति का ऐसा अद्भुत नजारा कहीं और नहीं मिलेगा।
कश्मीर की ट्यूलिप गार्डन की तरह ही, गुलावट की लोटस वैली भी रंगों और सौंदर्य में कोई कम नहीं। सूरज की रौशनी में चमकते कमल, झील पर तैरती नावें और सुबह का कोहरा मिलकर ऐसा दृश्य बनाते हैं, जिसे देखकर हर कोई कह उठता है – 'यहां तो मिनी कश्मीर है।' हर पल यहाँ किसी सपनों की दुनिया जैसा लगता है।
लोटस वैली में सिर्फ फूल नहीं, बल्कि प्राकृतिक शांति भी है। बांस के घने जंगल, संकरे रास्ते और हल्की हवा का स्पर्श मन को ताजगी देता है। नाव की सवारी करना यहाँ का सबसे पसंदीदा अनुभव है। पानी की हल्की लहरों पर तैरती नाव जब कमल के बीच से गुजरती है, तो ऐसा लगता है मानो कोई फिल्मी रोमांटिक सीन जीवित हो उठा हो।
गुलावट गांव हमेशा से कमल की खेती के लिए जाना जाता रहा है। यह खेती सिर्फ सुंदरता नहीं बढ़ाती, बल्कि स्थानीय परिवारों के लिए आय का जरिया भी है। बुजुर्ग बताते हैं कि दशकों से कमल की खेती होती रही है और आज किसान पूरे देश में कमल भेजते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में जब पर्यटकों ने लोटस वैली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, तो यह जगह अचानक अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर आ गई। अब गाँव के लोग होम-स्टे, दुकान, नाव चलाने और गाइडिंग के माध्यम से नई आमदनी कमाने लगे हैं। महिलाएं फूलों की सफाई, पैकिंग और बिक्री से अपने परिवार के लिए आय अर्जित कर रही हैं। इस तरह लोटस वैली सिर्फ सुंदरता ही नहीं, बल्कि स्थानीय जीवन और आर्थिक विकास की रीढ़ बन गई है।
लोटस वैली में बिताया गया हर पल मन और आत्मा को तरोताजा कर देता है। यहाँ का माहौल इतना शांत और सुकून भरा है कि शहर की भाग-दौड़ और शोर-शराबे से थके लोग कुछ समय यहाँ रहकर खुद को फिर से जीवित महसूस करते हैं। यह जगह प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफर्स और कपल्स के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।
कश्मीर की घाटियों, झीलों और बर्फीले पहाड़ों जैसी खूबसूरती की कल्पना करते हैं तो वहीं अहसास आपको गुलावट की लोटस वैली में मिल जाता है। झील पर फैले कमल, सूरज की रौशनी में चमकते फूल, हल्की हवा और नाव की सवारी – सब मिलकर ऐसा माहौल बनाते हैं जिसे देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है।