Naresh Bhagoria
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Aditi Rawat
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Naresh Bhagoria
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बिलासपुर। मेमू-मालगाड़ी के बीच भिड़ंत मामले में एसईसीआर (साउथ ईस्ट सेंट्रल जोन) ने सीनियर डीओपी (ओपी) वरिष्ठ विद्युत अभियंता ऑपरेशनल को हटाकर, उनकी जगह पर सीनियर टीआरडी (वरिष्ठ विद्युत अभियंता कर्षण) को प्रभार दे दिया है। इस कार्रवाई के साथ उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है। यह कार्रवाई साइको पास न होते हुए लोको पायलट की मेमू में ड्यूटी लगाने की लापरवाही के एवज में की गई है। इस कार्रवाई के बाद रेलवे में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि चार नवंबर को गतौरा- लालखदान के बीच बड़ा रेल हादसा हुआ। गेवरारोड- बिलासपुर मेमू खड़ी मालगाड़ी को टक्कर मारकर मेमू का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। इस घटना में चालक समेत 13 की मौत हो गई।
हादसे की गंभीरता को देखते हुए वजह जानने के लिए सीआरएस जांच कराई जा रही है। चार सदस्यीय टीम के साथ सीआरएस बीके मिश्रा बिलासपुर भी आए थे। 30 से अधिक कर्मचारी व अधिकारियों का बयान लिया। घटना स्थल की जांच की। उनकी जांच बहुत जल्द नतीजे पर भी आ जाएगी।
इस कार्रवाई को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यदि साइको टेस्ट पास न होने के बाद ट्रेन चलवाया गया तो इसके लिए जोन भी जिम्मेदार है। दरअसल साइको टेस्ट पास नहीं होने की स्थिति अस्सिटेंट लोको पायलट की भी ड्यूटी लगाकर ट्रेन चलाई जा सकती है।
रेल हादसे को लेकर सीआरएस की जांच रिपोर्ट जल्द ही सामने आने वाली है और सूत्रों के अनुसार यह रिपोर्ट कई अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर सकती है। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिला है कि दुर्घटना केवल एक स्तर की चूक नहीं थी, बल्कि इसमें परिचालन, तकनीकी निगरानी और सुरक्षा प्रबंधन से जुड़े कई अधिकारियों की लापरवाही शामिल रही। रिपोर्ट में सिग्नल ओवरशूट, साइको टेस्ट की अनदेखी और निगरानी तंत्र की कमी जैसे गंभीर बिंदुओं पर विस्तृत निष्कर्ष होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि सीआरएस की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर विभाग कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करसकता है।