Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाई-टेक ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह ‘लोटस गेमिंग साइट’ के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में ऑनलाइन जुए का संचालन कर रहा था। गुडंबा थाना क्षेत्र के एक फ्लैट में छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक करोड़ रुपये नकद, 79 एटीएम कार्ड, दो नोट गिनने की मशीनें और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज बरामद की हैं।
लखनऊ पुलिस की साइबर सेल को सूचना मिली थी कि गुडंबा क्षेत्र में स्थित एक अपार्टमेंट से सट्टेबाजी का ऑनलाइन नेटवर्क संचालित हो रहा है। इसी सूचना के आधार पर स्मृति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 403 में छापा मारा गया, जहां से गिरोह के 16 सदस्य रंगे हाथों पकड़े गए। ये लोग ‘लोटस गेमिंग साइट’ नाम की एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए लोगों से सट्टा लगवाते थे और उनसे अर्जित रकम को नकदी में बदलने के लिए किराये के बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह पहले आम नागरिकों को मोटे मुनाफे का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाता था। बाद में उन्हीं खातों को किराए पर लेकर सट्टा राशि ट्रांसफर की जाती थी। जैसे ही कोई खिलाड़ी ऑनलाइन गेमिंग साइट पर पैसा जमा करता, वह रकम तुरंत इन फर्जी खातों में चली जाती। गिरोह के सदस्य फिर एटीएम कार्ड के जरिए पैसे तुरंत निकाल लेते, जिससे खाता ब्लॉक होने से पहले रकम गायब हो जाती।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में प्रमोद साहू (छत्तीसगढ़), साजिद अंसारी, सोहेल अशरफ खान, गोविंद भाई प्रजापति (गुजरात), राकेश प्रहलाद पटेल और अंश शर्मा (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं। स्थानीय निवासियों को इनकी गतिविधियों और भाषा शैली पर पहले से संदेह था, जिसके चलते उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह बहुराज्यीय नेटवर्क संचालित कर रहा था और इसके तार कई अन्य राज्यों तक फैले हैं।
पुलिस ने मौके से 30 मोबाइल फोन, 22 पासबुक, 13 चेकबुक, तीन लैपटॉप और दो नोट गिनने की मशीनें बरामद की हैं। इन डिवाइसेज में सट्टेबाजी से संबंधित लेन-देन के विस्तृत डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है। साइबर क्राइम सेल अब गेमिंग साइट्स के सर्वर, संचालकों और ट्रांजेक्शन ट्रेल का पता लगाने में जुटी है।
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है और इसमें कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो थोड़े पैसों के बदले अपने बैंक खाते किराए पर देने को तैयार हो जाते हैं। पुलिस उन खाताधारकों और साइट संचालकों की जांच कर रही है, जिनके जरिए ट्रांजेक्शन को अंजाम दिया गया।
कमिश्नर ने यह भी कहा कि पूछताछ में और कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं, जो अभी जांच के दायरे में हैं। साथ ही अन्य राज्यों की पुलिस और साइबर एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है, ताकि इस नेटवर्क के बाकी हिस्सों को भी ध्वस्त किया जा सके।