Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर जिले स्थित फकीर मोहन स्वायत्तशासी कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा की आत्मदाह के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। छात्रा ने 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में खुद पर केरोसीन डालकर आग लगा ली थी। बुरी तरह झुलसी छात्रा को पहले जिला अस्पताल, फिर एम्स भुवनेश्वर रेफर किया गया था। सोमवार रात 11:46 बजे उसकी मौत हो गई।
छात्रा इंटीग्रेटेड B.Ed कोर्स के सेकेंड ईयर में पढ़ रही थी। उसने अंग्रेजी विभाग के प्रमुख (HOD) समीर कुमार साहू पर लंबे समय से यौन और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 30 जून को उसने कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप घोष से औपचारिक शिकायत की थी, लेकिन प्रिंसिपल ने उसे टालने की कोशिश की और कहा कि शिकायत वापस ले लो।
छात्रा ने बताया था कि साहू ने उसे गार्डन के पास बुलाकर आपत्तिजनक बातें कीं और संबंध बनाने का दबाव डाला। इसके बाद भी जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो निराश छात्रा ने कॉलेज परिसर में खुद को आग लगा ली।
प्रिंसिपल दिलीप घोष ने बयान दिया कि, छात्रा ने 12 जुलाई को उनसे मिलने आकर फिर से अपनी बात दोहराई। उन्होंने उसे 20 मिनट तक समझाने की कोशिश की लेकिन वह बोली, “अब और नहीं सह सकती।” 15-20 मिनट बाद खबर आई कि छात्रा ने आत्मदाह कर लिया है।
भुवनेश्वर के एम्स ने बताया कि छात्रा को बर्न ICU में भर्ती किया गया था। 95% जल चुकी छात्रा को वेंटिलेटर, आईवी एंटीबायोटिक, किडनी रिप्लेसमेंट थेरेपी सहित सभी आधुनिक इलाज दिए गए, लेकिन सोमवार रात उसे मृत घोषित करना पड़ा।
14 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स भुवनेश्वर के बर्न यूनिट का दौरा किया था। उन्होंने छात्रा से मुलाकात की थी और परिवार को बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया था। छात्रा के भाई ने कहा, “राष्ट्रपति भावुक हो गई थीं और बोली थीं कि मेरी बहन ठीक होगी तो वे उसके लिए कुछ करेंगी।”
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी अस्पताल पहुंचे। सीएम ने ट्वीट कर दुख जताया और कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
पुलिस ने छात्रा की आत्मदाह के बाद अंग्रेजी विभाग के प्रमुख समीर साहू को 12 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था। जब प्रदेशभर में विरोध बढ़ा, तब 14 जुलाई को कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप घोष को भी गिरफ्तार किया गया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
ओडिशा सरकार ने घटना को गंभीरता से लेते हुए HOD समीर साहू और प्रिंसिपल दिलीप घोष को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही राज्य उच्च शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। मामले की तह तक जाने के लिए क्राइम ब्रांच और SIT भी जांच में जुट गई हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए बीजू जनता दल (BJD) कार्यकर्ताओं ने एम्स के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष के नेताओं ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने X पर लिखा, “छात्रा ने कई बार शिकायत की, सोशल मीडिया पर भी आवाज उठाई, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला।”
यह घटना न केवल एक छात्रा की दुखद मौत है, बल्कि शिक्षा संस्थानों में महिला सुरक्षा, यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर कार्रवाई और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही पर बड़ा सवाल है। छात्र संगठनों, महिला आयोग और आम नागरिकों की मांग है कि आरोपी को सख्त सजा दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए मजबूत सिस्टम तैयार किया जाए।