Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
भोपाल में बना 90 डिग्री मोड़ वाला रेलवे ओवरब्रिज और इंदौर में बन रहा Z-आकार का ब्रिज इन दिनों पूरे देश में सुर्खियों में हैं। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में कई जगहों पर सड़क, पुल और भवन निर्माण में गड़बड़ियां सामने आई हैं। निर्माण की गुणवत्ता, डिजाइन की खामियों और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को देखते हुए अब लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इंजीनियरों पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है।
लोक निर्माण विभाग ने निर्देश जारी किया है कि कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री और उपयंत्री को अब निर्माण कार्य से जुड़े नियमों और तकनीकों की स्टडी करनी होगी। 15 अगस्त के बाद इन इंजीनियरों की परीक्षा कराई जाएगी, जिसके आधार पर उनकी फील्ड पोस्टिंग और जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। वहीं, चीफ इंजीनियर और सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को केवल अध्ययन करना होगा, उन्हें परीक्षा से छूट दी गई है।
PWD के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने कहा है कि प्रदेश में चल रहे भवन, सड़क और पुल निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। निर्माण के टिकाऊपन और सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।
निर्देश में कहा गया है कि सभी इंजीनियरों को 15 अगस्त तक दिए गए स्टडी मटेरियल का गहन अध्ययन करना होगा। इसके बाद आयोजित होने वाली परीक्षा में उनके तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक दक्षता का मूल्यांकन किया जाएगा। विभाग की योजना है कि इस प्रक्रिया से इंजीनियरों की क्वालिटी कंट्रोल में भूमिका को बेहतर बनाया जाए।
परीक्षा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से कराई जा सकती है। इसके परिणामों का पूरा डेटाबेस विभाग के पास सुरक्षित रहेगा। इस डेटा का उपयोग भविष्य में इंजीनियरों के वार्षिक मूल्यांकन, प्रशिक्षण जरूरतों की पहचान, पदस्थापन और विशेष परियोजनाओं के आवंटन में किया जाएगा।