प्रवीण श्रीवास्तव-भोपाल। मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में अमानक दवाओं की शिकायतें स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची हैं। खास बात यह है कि प्रदेश के कई जिला अस्पतालों ने ही इस संबंध में मप्र पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन को पत्र लिखे हैं। इस पर विभाग ने एक दर्जन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। दरअसल, कई जिलों में इन दवाओं के सेवन के बाद गर्भवती महिलाओं को गंभीर संक्रमण हुआ था। 5 महिलाओं को भोपाल और दो सीहोर में भर्ती कराई गई थीं। अब सबकी तबीयत ठीक है।
दवा के उत्पादन से पहले सॉल्ट की मात्रा पर रिसर्च किया जाता है। इसके बाद दवा में सॉल्ट मिश्रित किया जाता है। कई कंपनियां कम समय में मुनाफा कमाने के लिए सॉल्ट की मात्रा का ध्यान नहीं रखतीं। इससे मरीज का उपचार प्रभावित होता है। - डॉ. एसके सक्सेना, पूर्व अधीक्षक, जेपी अस्पताल
कुछ दवाओं को लेकर शिकायत मिली थी, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वैसे यह रूटीन प्रोसेस है। जांच के दौरान जो दवाएं अमानक मिलती हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। - पंकज जैन, एमडी, मप्र हेल्थ कॉर्पोरेशन