Naresh Bhagoria
13 Nov 2025
Aditi Rawat
13 Nov 2025
मध्य प्रदेश सरकार ने एक नया फैसला लिया है कि अब 15 अगस्त और 26 जनवरी के अलावा 15 नवंबर को भी सेंट्रल जेल के अच्छे आचरण वाले बंदियों को रिहा किया जाएगा। इस पहल के तहत जबलपुर नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल सहित प्रदेश की सभी सेंट्रल जेलों से कुल 32 बंदियों को रिहा किया जाएगा, जिनमें 9 आदिवासी बंदी भी शामिल हैं। यह कदम बंदियों को सुधार की दिशा में प्रोत्साहित करने और उन्हें समाज में वापस लौटने का अवसर देने के लिए उठाया गया है।
15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जाती है। इसी अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है कि अब हर साल 15 नवंबर को अच्छे आचरण वाले बंदियों को रिहा किया जाएगा। इससे पहले केवल स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयंती और डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर ही बंदियों को रिहा किया जाता था। इस पहल से मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां साल में पांच अवसरों पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को अच्छे व्यवहार के आधार पर रिहाई का मौका मिलेगा।
जेल विभाग ने इस संबंध में 7 नवंबर को आदेश जारी किए थे। विभाग के अनुसार, जिन बंदियों का जेल में आचरण अनुकरणीय पाया गया है और जिन्होंने सजा का अधिकांश भाग पूरा कर लिया है, उन्हें कानून के अनुसार रिहाई का लाभ मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य बंदियों में सुधार की भावना बढ़ाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस जोड़ना है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर यह रिहाई न केवल जनजातीय गौरव दिवस का सम्मान दर्शाती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि सुधार और अनुशासन के मार्ग पर चलने वालों के लिए सजा से मुक्ति का रास्ता खुला है।