Manisha Dhanwani
23 Oct 2025
Shivani Gupta
23 Oct 2025
Priyanshi Soni
23 Oct 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश के मौसम में इन दिनों बदलाव देखने को मिल रहा है। देश के दक्षिणी हिस्से में लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) एक्टिव है, जिसका असर प्रदेश के कई जिलों में दिख रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, 25, 26 और 27 अक्टूबर को इस सिस्टम का असर सबसे ज्यादा रहेगा। ऐसे में इन दिनों में प्रदेश में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी की संभावना बनी रहेगी। वहीं नवंबर के दूसरे सप्ताह से हवाओं का रुख उत्तरी होने पर तापमान में गिरावट के साथ ही ठंड तेजी से बढ़ने लगेगी।
मौसम विभाग के मुताबिक, वर्तमान में दक्षिण-पूर्व अरब सागर से एक सिस्टम उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से मध्य प्रदेश के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी की स्थिति बनी रहेगी। खासकर इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में 26 अक्टूबर तक इसका असर ज्यादा देखने को मिलेगा। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, प्रदेश में आने वाले 2-3 दिनों में इस सिस्टम की वजह से मौसम बदलता रहेगा।
25 अक्टूबर: आधे मध्य प्रदेश में हल्की बारिश के आसार हैं। प्रभावित जिलों में शामिल हैं – इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, सीहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिवनी, बालाघाट, सीधी और सिंगरौली।
26 अक्टूबर: हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी। प्रभावित जिलों में इंदौर, जबलपुर, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, देवास, खंडवा, सीहोर, हरदा, बुरहानपुर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, सीधी और सिंगरौली शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के बाकी जिलों में मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी।
बड़े शहरों का तापमान:
उज्जैन - 34°C
ग्वालियर - 33.8°C
इंदौर - 32°C
जबलपुर - 31.9°C
भोपाल - 31.9°C
न्यूनतम तापमान:
नौगांव (छतरपुर) - 17.6°C
खंडवा - 18°C
बालाघाट - 18.6°C
शिवपुरी - 19°C
धार - 19.3°C
मध्य प्रदेश में इन दिनों दिनभर तेज धूप का दौर है, लेकिन रात में हवाओं में ठंडक का अहसास बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल प्रदेश से मानसून पूरा विदा हो चुका है। 16 जून को प्रदेश में मानसून आया और 13 अक्टूबर तक रहा। इस साल मानसून के दौरान सामान्य से 15 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। ग्वालियर-चंबल संभाग में दो गुना बारिश हुई, जबकि शाजापुर में सबसे कम बारिश (28.9 इंच) दर्ज की गई। गुना जिले में सबसे ज्यादा 65.7 इंच पानी गिरा। हालांकि, अच्छी बारिश की वजह से पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ी है और भू-जल स्तर भी बेहतर बना है।
मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर से जनवरी तक कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू होगा। इस बार फरवरी तक ठंड का असर रहने की संभावना है। उत्तरी हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ और ला-नीना की स्थितियों की वजह से ठंड सामान्य से ज्यादा रह सकती है।