Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
अक्टूबर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद अब मध्यप्रदेश से मानसून विदा होने जा रहा है। मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि अगले दो दिन बाद यानी 10 से 12 अक्टूबर के बीच प्रदेश से मानसून पूरी तरह लौट जाएगा। हालांकि, इससे पहले कुछ जिलों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन भारी बारिश की संभावना नहीं है।
पिछले 48 घंटे में प्रदेश के कई जिलों में जोरदार बारिश हुई थी। भोपाल में सिर्फ दो घंटे में 2.5 इंच बारिश हुई, जो पिछले 16 साल का रिकॉर्ड है। इससे पहले 2009 में एक घंटे में 3 इंच पानी गिरा था। मौसम विभाग ने बताया कि हवा में नमी बढ़ने से 33 जिलों में अचानक बारिश हुई थी।
6 अक्टूबर को श्योपुर, शिवपुरी, गुना, सागर, दमोह, शहडोल, डिंडौरी, बालाघाट, इंदौर, भोपाल, रायसेन और हरदा समेत 33 जिलों में बारिश दर्ज की गई थी। इनमें भोपाल, रायसेन, गुना और हरदा में सबसे ज्यादा पानी गिरा। सोमवार को बारिश कम हुई, लेकिन कुछ जगहों पर बूंदाबांदी जारी रही।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) सक्रिय है। इसकी वजह से हल्की बारिश का दौर बना रह सकता है। 9 अक्टूबर तक कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हो सकती है, जबकि 10 अक्टूबर से मौसम साफ होने की उम्मीद है।
अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम और राजगढ़ के कुछ हिस्सों से मानसून विदा हो चुका है। इस बार मानसून ने प्रदेश में 16 जून को प्रवेश किया था, जो सामान्य तारीख से एक दिन बाद था।
इस साल सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में हुई- 65.6 इंच। इसके बाद मंडला और रायसेन में 62 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। वहीं शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में सबसे कम बारिश हुई।
शुरुआत में इंदौर संभाग में बारिश कम हुई थी, लेकिन सितंबर में जोरदार बारिश से सामान्य कोटा पूरा हो गया। हालांकि उज्जैन जिले में अब भी औसत से कम बारिश हुई है।
पूर्वी और उत्तर मध्य प्रदेश में इस बार मानसून बेहद सक्रिय रहा। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, मुरैना और दतिया जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई। वहीं सागर, जबलपुर, रीवा और शहडोल संभाग में भी अच्छी बारिश के कारण जलस्रोतों का स्तर बढ़ा है।