Naresh Bhagoria
23 Dec 2025
राजीव सोनी,भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने ओबीसी के बच्चों को विदेशों में नौकरी दिलाने 'सोशल इंपेक्ट बॉन्ड' की महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की है। पहले चरण में बच्चों को जापान और जर्मनी भेजने के लिए तैयारी की गई है। चयनित बच्चों की ट्रेनिंग से लेकर प्लेसमेंट आदि पर होने वाला खर्च देश के इन्वेस्टर्स उठाएंगे। कैबिनेट से यह प्रस्ताव मंजूर हो चुका है। अगले महीने आईटीआई और इंजीनियरिंग सहित अन्य ट्रेड के कुल 600 बच्चों के चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्क्रीनिंग के बाद आईटी पार्क में बच्चों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। जापान-जर्मनी में प्लेसमेंट के बाद बच्चों को करीब 1.30 लाख रुपए वेतन के साथ रहने-खाने का मुफ्त इंतजाम रहेगा। मप्र सहित देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में यह महत्वाकांक्षी योजना लागू की गई है। इसमें बच्चों की ट्रेनिंग और विदेशों में रहने खाने पर होने वाला व्यय चयनित निवेशक उठाएंगे।
पहले चरण में चयनित बच्चों का प्लेसमेंट मुख्यत: मैकेनिकल (कंस्ट्रक्शन) और नर्सिंग (केयर गिवर) ट्रेड में किया जाएगा। मैकेनिकल सेक्शन से मतलब हैवी मशीनरी के ऑपरेशन आदि का तकनीकी काम रहेगा। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने बच्चों के चयन और ट्रेनिंग की तैयारी कर ली है।
'सोशल इंपैक्ट बॉन्ड' योजना में नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) और सोशल स्टॉक एक्सचेंज बतौर नोडल एजेंसी की भूमिका निभाएंगे। जर्मनी और जापान की एम्बेसी द्वारा बच्चों को जॉब मिलने की जानकारी सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार संबंधित निवेशक को कुल खर्च की 30 फीसदी राशि का भुगतान करेगी।
एप्टीट्यूड टेस्ट, बच्चों में दूसरी भाषा सीखने की क्षमता, अंग्रेजी का बुनियादी ज्ञान। विदेश में नौकरी करने की मानसिकता।
एप्टीट्यूड टेस्ट, बच्चों में दूसरी भाषा सीखने की क्षमता, अंग्रेजी का बुनियादी ज्ञान। विदेश में नौकरी करने की मानसिकता।
सवाल : 'सोशल इंपेक्ट बॉन्ड' स्कीम क्या है और बच्चों विदेशों में नौकरी कब तक मिल जाएगी?
जवाब : अनूठी योजना है... अभी 600 बच्चों को जापान और जर्मनी भेजा जा रहा है। इसी वित्तीय वर्ष में बच्चों को जॉब मिल जाएगा।
सवाल : मतलब अगले तीन महीने में बच्चों का चयन और ट्रेनिंग आदि करेंगे?
जवाब : कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। विभाग और नोडल एजेंसी युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं।
सवाल : जर्मनी-जापान जाने वाले बच्चों की ट्रेनिंग कहां होगी?
जवाब : भोपाल के आईटी पार्क में ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही है। बच्चों को संबंधित देश की भाषा और अन्य बुनियादी ट्रेनिंग भी मिलेगी।
सवाल : इस अनूठी योजना में मुख्य इन्वेस्टर्स कौन रहेंगे?
जवाब : सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड के लिए सामाजिक संगठनों के अलावा औद्योगिक घरानों ने दिलचस्पी दिखाई है।
सवाल : सरकारी योजना में अभी मप्र के कितने बच्चे विदेशों में नौकरी कर रहे?
जवाब : जापान में 16 बच्चे कंस्ट्रक्शन और केयर गिवर में काम कर रहे है। जनवरी में 5 और जाने वाले हैं।