इंदौर। नेहरू पार्क का स्विमिंग पूल अब खेल और स्वास्थ्य का केंद्र नहीं, बल्कि नगर निगम के भ्रष्टाचार की जीवंत प्रयोगशाला बन चुका है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद बदहाल हालत, बार-बार की मरम्मत और सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इसी जनहित के मुद्दे को लेकर जिला कांग्रेस सेवादल ने अनोखे और तंज भरे प्रदर्शन के जरिए प्रशासन को आईना दिखाया।
पूल में उतरकर “नोटों से स्नान”
जिला कांग्रेस सेवादल के कार्यकारी अध्यक्ष विवेक खंडेलवाल, शीलू सेन और गिरीश जोशी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने स्विमिंग पूल में उतरकर मनोरंजन बैंक के नोटों से स्नान किया। यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन इस बात का संकेत था कि किस तरह इंदौर नगर निगम जनता की गाढ़ी कमाई को पानी में बहा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस स्विमिंग पूल में आम नागरिक प्रवेश शुल्क चुकाने से पहले सौ बार सोचता है, उसी पूल में सत्ता समर्थित लोग करोड़ों रुपये की मलाई आराम से तैरकर निकाल रहे हैं। यह पूल अब सुविधा नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का शो-पीस बन चुका है।
स्मार्ट सिटी नहीं, स्कैम सिटी मॉडल”
विवेक खंडेलवाल ने भाजपा शासित नगर निगम पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि नेहरू पार्क स्विमिंग पूल को ‘स्मार्ट सिटी’ नहीं बल्कि ‘स्कैम सिटी मॉडल’ बना दिया गया है, जहां ठेकेदारों और अफसरों की जेबें भर रही हैं और जनता को बदले में टूटती टाइलें, रिसता सिस्टम और जवाबहीन प्रशासन मिल रहा है।
जनता के पैसों की गहराई नाप रहा निगम
शीलू सेन और गिरीश जोशी ने कहा कि यह प्रदर्शन केवल विरोध नहीं, बल्कि प्रशासन को चेतावनी है, ताकि जनता जान सके कि उनका टैक्स विकास पर नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की गहराई नापने में खर्च किया जा रहा है।
निष्पक्ष जांच और हिसाब की मांग
कांग्रेस सेवादल ने मांग की कि
• नेहरू पार्क स्विमिंग पूल पर हुए हर खर्च की निष्पक्ष जांच कराई जाए
• दोषी अफसरों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई हो
• और जनता के डूबे हुए पैसों का पूरा हिसाब सार्वजनिक किया जाए
नारेबाजी से गूंजा परिसर
प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे और नगर निगम के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। इस मौके पर प्रमुख रूप से देवेंद्र सिंह यादव, आनंद जैन कासलीवाल, विभाष शर्मा, रानू मालोरिया, सावन सिलावट, प्रतीक मित्तल सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।