Hemant Nagle
22 Dec 2025
Naresh Bhagoria
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Naresh Bhagoria
22 Dec 2025
प्रवीण श्रीवास्तव, भोपाल। पेल्विक यानी कमर और जांघों के बीच का हिस्सा, यहां दिक्कत होती है तो लोग बात करने में संकोच करते हैं। खासकर महिलाएं। नतीजा बीमारी गंभीर हो जाती है। अस्पतालों में इलाज में हजारों रुपए खर्च होते है, लेकिन शहर की फिजियोथैरेपिस्ट और पेल्विक फ्लोर एक्सपर्ट डॉ. तपस्या तोमर महिलाओं को इससे बचाने सालों से मुहिम चला रही हैं।
डॉ. तोमर ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप के माध्यम से इन महिलाओं की पहचान कर निर्धन महिलाओं का नि:शुल्क उपचार भी करती हैं। वे अब तक पांच हजार से ज्यादा महिलाओं को एक्सरसाइज के माध्यम से ठीक कर चुकी हैं। इनमें से 1500 से ज्यादा निर्धन महिलाओं का नि:शुल्क उपचार किया।
58 साल की रागिनी (परिवर्तित नाम) लंबे समय से परेशानी में थीं। उन्हें खांसते समय यूरिन लीक हो जाता था। तीन साल इलाज कराया, फायदा नहीं हुआ। सप्ताह के फिजियोथैरेपी सेशन से ही आराम मिलना शुरू हो गया। और दो महीने में समस्या खत्म हो गई।
34 साल की कंचन (परिवर्तित नाम) को शादी के बाद संबंध बनाने के दौरान तेज दर्द होता था, जिससे उनका पारिवारिक जीवन खतरे में पड़ गया था। हालांकि फिजियोथैरेपी के एक सेशन के बाद ही कंचन को आराम मिलने लगा।
पेल्विक फ्लोर परेशानियां महिलाओं में आम है। डॉ. तोमर का कहना है कि शारीरिक गड़बड़ियों के साथ खानपान गड़बड़ होने से पेल्विक मसल्स कमजोर हो रहीं हैं। इसलिए यह समस्याएं बढ़ रही हैं।
डॉ. तपस्या बताती हैं कि यह परेशानियां ऐसी हैं कि दवाओं से ठीक नहीं हो सकती। डॉक्टर उन्हें ऑपरेशन की सलाह देते हैं। वे ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर इन महिलाओं का चयन करती हैं। फिर फिजियोथैरेपी के माध्यम से उन महिलाओं की मदद करती हैं।