vikrant gupta
8 Oct 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश के कई जिलों में हो रही भारी बारिश और बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को होमगार्ड मुख्यालय स्थित राज्य स्तरीय आपदा नियंत्रण कमांड सेंटर से बाढ़ से प्रभावित इलाकों की समीक्षा की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रदेश के मुरैना, दमोह, रायसेन, गुना, सागर, विदिशा, अशोकनगर और शिवपुरी जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं। अशोकनगर समेत दो जिलों के लिए राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से सहायता मांगी है। सेना का बचाव दल लखनऊ से अशोकनगर पहुंच गया है, जहां राहत कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हरसंभव मदद पहुंचाई जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि किसी भी स्तर पर राहत कार्य में लापरवाही नहीं चलेगी। कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावितों को तुरंत भोजन, वस्त्र और शरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने जल-प्रवाह और करंट से बचने के लिए भी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। कम्युनिकेशन बनाए रखने और कच्चे मकानों से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेश में 2,900 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जो अधिकारी, जवान या स्वयंसेवक बचाव कार्य में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं, उनका स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को उनके नुकसान की भरपाई भी करेगी।
बाढ़ प्रबंधन को लेकर हुई समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जनहानि को न्यूनतम रखने के लिए हर स्तर पर प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आमजन से भी आग्रह किया है कि घबराएं नहीं, किसी भी प्रकार की सूचना तत्काल प्रशासन को दें। सरकार हर नागरिक की जान और माल की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगले कुछ दिन हालात और खराब हो सकते हैं, इसलिए सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।