Naresh Bhagoria
22 Nov 2025
ललित मोरवाल,इंदौर। डिजिटल युग का प्रभाव अब शादियों की रस्मों पर भी साफ दिखाई देने लगा है। जहां कभी मेहमान वर-वधू को आशीर्वाद के साथ लिफाफों में नकद राशि देते थे, वहीं अब यह परंपरा तेजी से तकनीक का रूप ले रही है। हाल ही में इंदौर में हुई एक शादी में इसका अनोखा उदाहरण देखने को मिला। जहां दूल्हे को मेहमानों ने न तो लिफाफे थमाए और न महंगे गिफ्ट दिए। क्यूआर कोड स्कैन कर इच्छा अनुसार राशि ट्रांसफर कर दी। डिजिटल गिफ्टिंग का यह नया ट्रेंड आधुनिक सोच को दर्शाता है।
आयोजक संजय पोरवाल ने बताया कि बेटे संजीत की शादी में उनके दोस्त अतुल बड़जात्या, अजय गुप्ता, राजीव जैन, पीयूष जैन ने कहा कि कहां व्यवहार का बैग पूरी शादी मे लेकर घूमोगे, कहीं रखकर भूल गए या चोरी हो गया तो परेशान हो जाओगे। इससे बेहतर है कि क्यूआर कोड रखो और आॅनलाइन व्यवहार लो। हमने क्यूआर कोड रखा और मेहमानों ने डिजिटल व्यवहार दिया।
पोरवाल ने बताया कि ऑनलाइन पेंमेट लेने से यह हो गया है कि किस व्यक्ति ने कितना व्यवहार दिया यह सालों तक सुरक्षित रहेगा। पहले व्यवहार के लिए एक डायरी होती थी जिसे लंबे समय तक संभालना पड़ता था अगर डायरी खो गई तो पता नहीं चलता था किसने क्या दिया। एक मेहमान विजय देवड़ा ने कहा कि-
भुगतान ऑनलाइन ही करता हूं। जेब में यदाकदा ही चुनिंदा पैसे रहते हैं। पोरवाल परिवार की शादी में गया तो वहां मैंने क्यूआर कोड से दूल्हे को व्यवहार किया। एक अन्य मेहमान ने कहा कि शादियों में नकद पैसे रखने से बेहतर ऑप्शन है ऑनलाइन पेमेंट, इससे रुपए खोने का डर भी नहीं रहता। हम तो बारात में भी ऑनलाइन न्योछावर करते हैं। उल्लेखनीय है कि ढोल और बैंड पार्टी वाले अपना क्यूआर कोड रखने लगे हैं।