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अशोकनगर में कांग्रेस का न्याय सत्याग्रह : कांग्रेस विधायक कहा- जो हिजड़े थे वे संघ में गए, जीतू पटवारी समेत नेताओं ने दी गिरफ्तारी

अशोकनगर। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज एफआईआर के विरोध में मंगलवार को अशोकनगर में न्याय सत्याग्रह आंदोलन का आयोजन किया। प्रदेशभर से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने भाग लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इस दौरान कई विवादास्पद बयान भी सामने आए, जिसने सियासी तापमान को और तेज कर दिया।

पटवारी की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस एकजुट

कार्यक्रम की शुरुआत अशोकनगर की पुरानी कृषि उपज मंडी से हुई, जहां हजारों कार्यकर्ताओं ने जुटकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के समर्थन में नारे लगाए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार 100 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मंच पर पहुंचे और सरकार पर जमकर निशाना साधा। आंदोलन में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह, फूल सिंह बरैया, साहब सिंह गुर्जर सहित कई नेता मौजूद रहे।

कांग्रेस का संदेश : डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं

सभास्थल पर दिए गए भाषणों में कांग्रेस नेताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि यदि झूठी एफआईआर और दमन की राजनीति बंद नहीं हुई तो पार्टी सड़कों पर उतरकर जवाब देगी। नेताओं का दावा था कि यह न्याय की लड़ाई है और कांग्रेस इससे पीछे नहीं हटेगी।

मंच से विवादास्पद बयान, संघ पर निशाना

न्याय सत्याग्रह में ग्वालियर ग्रामीण विधायक साहब सिंह गुर्जर ने संघ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने मंच से कहा, “जो मर्द थे वे जंग में आए, जो हिजड़े थे, वे संघ में गए।” समझ गए न, इशारा ही काफी है। गुर्जर ने आगे कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर जो एफआईआर दर्ज हुई है, हमें एफआईआर का डर नहीं है। वजह वह है कि जब हमारे अध्यक्ष जनता के बीच में संघर्ष करते हैं, दलित, शोषित पीड़ित, किसान, मजदूर की आवाज उठाते हैं। तो इससे भाजपा के लोगों को पीड़ा होती है। यदि इस प्रकार से किसी भी कांग्रेसी पर झूठी एफआईआर दर्ज हुई तो यह हुजूम भाजपा को जवाब देगी।

एक मिनट में गिरफ्तारी, एक मिनट में रिहाई

प्रदर्शन के दौरान एसडीओपी विवेक शर्मा ने मंच से पटवारी सहित सभी को गिरफ्तार करने की घोषणा की, लेकिन कुछ ही सेकंड में एसडीएम बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव ने सभी को रिहा करने की घोषणा कर दी। इस पूरे घटनाक्रम को कार्यकर्ताओं ने ‘सत्ता की बौखलाहट’ बताया।

दिग्विजय का तंज, सिंघार की तल्खी

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं को रोकने के लिए 8 जिलों की पुलिस को बुलाया गया। वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रास्ते में गाड़ियों की चेकिंग पर पुलिस से तीखी नोकझोंक करते हुए पूछा, “हम क्या बम, हथियार, मिसाइल लेकर जा रहे हैं?” पुलिस ने जवाब दिया कि यह सब उनकी सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।

ट्रैक्टर से सभास्थल पहुंचे जीतू पटवारी

पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ट्रैक्टर से सभास्थल पहुंचे और कहा, जहां कार्यकर्ता का पसीना गिरेगा, वहां कांग्रेस नेताओं का खून गिरेगा। उन्होंने शेर पढ़ते हुए कहा, वसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हैं तो जिंदा नजर आना जरूरी है।

सांसद के भाई को लेकर बवाल की शुरुआत

पूरा विवाद अशोकनगर निवासी गजराज लोधी द्वारा बीजेपी कार्यकर्ता पर मैला खिलाने और मारपीट के आरोप से शुरू हुआ था। गजराज ने जीतू पटवारी से मिलकर शिकायत की थी, लेकिन बाद में पलटी मारते हुए कहा कि उन्होंने पटवारी के कहने पर झूठी शिकायत की। इसके बाद पटवारी पर एफआईआर दर्ज हुई, जिसका विरोध करने कांग्रेसियों ने 8 जुलाई को गिरफ्तारी की चेतावनी दी थी।

पुलिस सख्ती और प्रशासन की तैयारी

जिला प्रशासन ने आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। शहर के विभिन्न चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई, होटल-मैरिज गार्डन अधिग्रहण कर लिए गए और पेट्रोल पंप तक बंद करा दिए गए। नेताओं की गाड़ियों की चेकिंग से कई विधायक नाराज नजर आए।

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