Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
प्रवीण श्रीवास्तव
भोपाल। प्रदेश में अब मच्छरों का आतंक धीरे-धीरे खत्म होने लगा है। एक तरफ मलेरिया के मामले साल दर साल कम होते जा रहे हैं, वहीं प्रदेश के तीन जिलों हरदा, विदिशा और शाजापुर जल्द ही मलेरिया मुक्त घोषित कर दिए जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार को आवेदन भी दिया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही केंद्र सरकार की टीम इन जिलों में निरीक्षण कर इन्हें मलेरिया मुक्त घोषित कर देगी। यहां तीन साल से मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके अलावा आगर मालवा जिले में भी दो साल से मलेरिया का कोई मामला नहीं मिला है, ऐसे में विभाग इसके लिए अगले साल आवेदन भेजेगा। मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग 15 जिलों में स्वशासी संस्था एंबेड के साथ मिलकर डेंगू मलेरिया रोकथाम के लिए काम कर रहा है। अब विभाग ने इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरुकता अभियान की शुरूआत की है। इससे पहले बालाघाट जिले में प्रयोग किया गया था। जिसके बाद केसों में काफी कमी आने के बाद इन जिलों में शुरू किया जा रहा है।
वर्ष कुल जांच रोगियों की संख्या
2019 10069562 14147
2020 9056958 6760
2021 9864546 3181
2022 11031117 3826
2023 11381858 3794
2024 11899684 3247
स्वास्थ्य विभाग की माने तो मप्र में मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में मलेरिया रोगियों की संख्या वर्ष 2019 में 14,147 थी, जो 2024 तक घटकर 3,247 रह गई है। इस अवधि में प्रदेशभर में कुल 11 करोड़ 89 लाख से अधिक लोगों की जांच की गई। मलेरिया विभाग नगर निगम और एंबेड परियोजना के सहयोग से प्रदेश भर में जनजागरूरता अभियान चलाया, स्कूल, कॉलेज से लेकर धर्मगुरुओं को भी इस अभियान में शामिल किया गया। अभियान में एंबेड परियोजना के कर्मचारी झुग्गी बस्तियों तक पहुंच कर लोगों को जागरूक किया।
भोपाल में मच्छरों के ब्रीडिंग हैबिट्स और ब्रीडिंग साइट्स पर आईसीएमआर रिसर्च कर रहा है। इसके लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ मलेरिया रिसर्च , पांडुचेरी स्थित वैक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर की टीम भी है। (वीसीआरसी) और चेन्नई स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ एपिडिमियालॉजी की वैज्ञानिकों की भोपाल पहुंच चुकी है। दरअसल, मच्छरों को खिलाने के लिए चार तरह के कृत्रिम आहार का आविष्कार किया है जो ब्लड डाइट को फीडर डिवाइस से बदल देगा। मच्छरों से जीका, डेंगू, चिकनगुनिया, पीला बुखार आदि जैसे कई वायरल रोग होते हैं। टीम मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों के प्रसार को कम करने के तरीकों की जांच कर रहे हैं।
हमारा लक्ष्य मलेरिया को पूरी तरह खत्म करना है। तीन जिले मलेरिया मुक्त होने वाले हैं। नवाचार, तकनीकी उपाय और सामुदायिक भागीदारी की रही है।
डॉ. हिमांशु जायसवार, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, वाहक जनित रोग नियंत्रण