Garima Vishwakarma
14 Nov 2025
धर्म डेस्क। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि पर हर वर्ष की तरह इस बार भी विवाह पंचमी बड़े उत्साह, श्रद्धा और धार्मिक भावनाओं के साथ मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि इसी पावन तिथि पर त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने माता सीता से विवाह कर गृहस्थ जीवन की स्थापना की थी। इसी कारण यह दिन धर्म, संस्कृति और आस्था तीनों ही स्तर पर अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस बार विवाह पंचमी की तारीख और शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि 24 नवंबर रात 9:22 बजे से प्रारंभ होकर 25 नवंबर रात 10:56 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर विवाह पंचमी 25 नवंबर, मंगलवार को मान्य मानी गई है।
इस वर्ष ध्रुव योग, शिववास योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग इस तिथि को और अधिक शुभ और मंगलकारी बना रहा है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, विवाह पंचमी केवल श्रीराम-सीता विवाह का प्रतीक दिवस ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में आदर्श दांपत्य जीवन की स्थापना का स्मरण भी है। भगवान राम आत्मचेतना और धर्मनिष्ठा के प्रतीक माने जाते हैं, जबकि माता सीता शक्ति और प्रकृति का स्वरूप हैं। इसलिए यह तिथि चेतना और प्रकृति के दिव्य मिलन का उत्सव मानी जाती है।
मान्यता है कि इसी दिन गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस के अवधी संस्करण का लेखन पूर्ण किया था, जिससे यह तिथि साहित्यिक दृष्टि से भी विशेष महत्त्व रखती है।
भक्त इस दिन भगवान राम और माता सीता के विवाह का संकल्प लेकर पूजा करते हैं। पूजा की प्रक्रिया इस प्रकार मानी जाती है।
मान्यता है कि पूजा में उपयोग किए गए विवाह सूत्र या वस्त्र को घर में रखना सौभाग्य और दांपत्य सुख बढ़ाता है।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार विवाह पंचमी विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जिनके जीवन में विवाह में देरी, संबंधों में असामंजस्य एवं दांपत्य जीवन में कलह जैसी बाधाएं हों। इस दिन भगवान राम-सीता का पूजन करने से वैवाहिक बाधाएं दूर होती हैं और सुख-शांति तथा सौभाग्य बढ़ता है।