Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
Manisha Dhanwani
4 Dec 2025
Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
मप्र जनजातीय संग्रहालय में 2 टन लोहे से गोंड समुदाय का वाद्य यंत्र ‘बाना’ बनाया गया है, जो कि संग्रहालय के प्रवेश द्वार स्थापित किया जा चुका है। 2 टन लोहे से बने इस वाद्य यंत्र की लंबाई 35 फीट है। इसका लोकार्पण संग्रहालय के 11वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ‘महुआ महोत्सव’ के शुभारंभ पर 6 जून को किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह उपस्थित रहेंगे। वहीं, इस अवसर पर संग्रहालय परिसर में बनाए गए सात जनजातीय आवासों का उद्घाटन भी किया जाएगा। इन आवासों में लोगों को इन जनजातियों के रहन-सहन के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। साथ ही जनजातियों से संबंधित व्यंजनों का शहरवासी लुत्फ भी उठा सकेंगे।
गोंड जनजाति में ऐसी मान्यता है कि सभी तरह के संगीत का जन्म वृक्ष से संबंधित है। वे मानते हैं कि पेड़ संगीत का मूल कारक है। यह ‘बाना’ वाद्य यंत्र उनके जीवन परिदृश्य को परिभाषित करेगा। इस वाद्य यंत्र को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 8 कलाकारों ने मिलकर तैयार किया है। संग्रहालय में लगाए गए इस वाद्य यंत्र में गोंड चित्रकारों की पेंटिंग भी है, जो बताती है कि कैसे एक वृक्ष संगीत की धुनों को अपने में समेटे हुए है।
संग्रहालय में जनजातीय समुदाय की जीवन शैली को समझने के लिए प्रदेश की 7 प्रमुख जनजातियों गोंड, भील, बैगा, कोरकू, भारिया, सहरिया और कोल के 7 आवास बनाए गए हैं। इन आवासों का शुभारंभ भी संग्रहालय के स्थापना दिवस पर 6 जून को किया जाएगा। इन आवासों के जरिए लोग जनजातीय संस्कृति को देख और समझ सकेंगे। इनमें गोंड समुदाय के कोदो, कुटकी भात, बैगा के बांस की सब्जी, करील कोदई भात, कोरकू के महुए के लड्डू, बाजरे की रोटी का लुत्फ उठा सकेंगे।
संग्रहालय के 11वें स्थापना दिवस को ‘महुआ महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है, जो कि 6 जून से शुरू होकर 10 जून तक चलेगा। इसमें पांचों दिन अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और लोग इन राज्यों के व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। साथ ही शिल्प मेले का आयोजन भी किया जाएगा। इस दौरान संग्रहालय परिसर में सात जनजातीय आवास और ‘बाना’ वाद्य यंत्र का शुभारंभ किया जाएगा। - अशोक मिश्रा, क्यूरेटर, मप्र जनजातीय संग्रहालय