मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे का काफिला शुक्रवार सुबह नवी मुंबई के वाशी पहुंचा। यहां महाराष्ट्र सरकार के कुछ अफसरों ने जरांगे से मुलाकात की और CM एकनाथ शिंदे से फोन पर उनकी बातचीत कराई। जरांगे ने कहा कि जब तक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक वह अपना आंदोलन बीच में समाप्त नहीं करेंगे, जबकि महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने दावा किया कि कार्यकर्ता की मांगें स्वीकार कर ली गई हैं।
आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं : जरांगे
जरांगे एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद पड़ोसी नवी मुंबई के वाशी इलाके में शिवाजी चौक पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे थे। कार्यकर्ता ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें कुछ दस्तावेज दिए हैं, जिन पर वह अपने समर्थकों के साथ चर्चा करके अपनी भविष्य की रणनीति की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक हम आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं हैं।'' सरकार जरांगे को मुंबई न जाने के लिए राजी करने की कोशिश कर रही है। यहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मराठा लोगों के जुटने की उम्मीद लगाई है।
37 लाख लोगों को दिया सर्टिफिकेट
राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने मीडिया से कहा कि जरांगे की मांगें मान ली गई हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिए जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख तक जाएगी। हमने इसकी जानकारी मांगी है। शिंदे समिति ने सर्कुलर ढूंढने के लिए समय मांगा है।
सरकार को शनिवार 12 बजे तक की मोहलत
मनोज जरांगे ने कहा कि जब तक अध्यादेश नहीं मिलता मैं वापस नहीं जाऊंगा। सरकार शनिवार 12 बजे तक इसे जारी करें। आज मुंबई नहीं जा रहा हूं। यदि शनिवार को आजाद मैदान के लिए बढ़ा तो पीछे नहीं हटूंगा। मेरा अनशन जारी रहेगा। इसके साथ ही खुद पर और उनके लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामले वापस लेने को भी कहा है।
हजारों समर्थकों के साथ जरांगे नवी मुंबई पहुंचे
इससे पूर्व मनोज जरांगे हजारों समर्थकों के साथ शुक्रवार को नवी मुंबई पहुंचे। जरांगे और मराठा आरक्षण की मांग करने वाले अन्य कार्यकर्ता सुबह लगभग 5 बजे बाइक, कार, जीप, टेम्पो और ट्रक से मुंबई के बाहरी इलाके में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पहुंचे। पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार, जरांगे अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू करेंगे। प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए कुन्बी (अन्य पिछड़ा वर्ग) दर्जे की मांग कर रहे हैं।
मुंबई पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर शहर में भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसके बावजूद जरांगे ने गुरुवार को घोषणा की कि वह 26 जनवरी को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पहुंचेंगे।
पुलिस ने धारा 149 के तहत जारी किया नोटिस
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 149 के तहत जारी एक नोटिस में पुलिस ने कहा, “मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है और विभिन्न वित्तीय संस्थान तथा अन्य वित्तीय केंद्र मुंबई में काम कर रहे हैं।'' इसमें कहा गया, ‘‘मुंबई में प्रतिदिन लगभग 60 से 65 लाख नागरिक नौकरी के लिए ट्रेन और परिवहन के अन्य साधनों का इस्तेमाल करते हैं। यदि मराठा प्रदर्शनकारी अपने वाहनों से शहर पहुंचते हैं, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और शहर में परिवहन व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।'' मुंबई पुलिस ने सुझाव दिया कि प्रदर्शनकारी संबंधित प्राधिकारी से अनुमति लेने के बाद नवी मुंबई के खारघर में अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट पार्क ग्राउंड में एकत्र हो सकते हैं।
क्या है मनोज जरांगे की मांगें
- मनोज जरांगे की मांग है कि मराठा समुदाय के लोगों के लिए ओबीसी के तहत सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है।
- मनोज जरांगे की पहली मांग है कि मराठा समुदाय को फुलप्रूफ आरक्षण मिले।
जब तक मराठों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल जाता, तब तक वह अपने घर नहीं जाएंगे।
- आरक्षण आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज अपराधों को रद्द करने के लिए एक तारीख तय हो।
- जरांगे ने यह भी मांग रखी थी कि महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय के आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के सर्वेक्षण के लिए राशि दे और कई टीमें बनाए।
- मराठों को कुनबी जाति प्रमाण-पत्र देने वाला एक सरकारी आदेश पारित किया जाना चाहिए और महाराष्ट्र शब्द जरूर शामिल होना चाहिए।