Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
इंदौर। महू स्थित आर्मी वार कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय विशिष्ट त्रि-सेवा सेमिनार ‘रण संवाद-2025’ के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारत कभी भी युद्ध को आमंत्रित करने वाला देश नहीं रहा है। उन्होंने महाभारत युद्ध का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे युद्ध को टालने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने पहले संवाद स्थापित किया था। राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के जियो-पॉलिटिक्स में भारत को मजबूती से अपनी रक्षा तैयारियां बढ़ानी होंगी ताकि किसी भी चुनौती का प्रभावी जवाब दिया जा सके।
राजनाथ सिंह ने बताया कि आने वाले समय के युद्ध केवल हथियारों पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि यह तकनीक, रणनीति, अर्थव्यवस्था और कूटनीति का मिश्रण होंगे। उन्होंने कहा कि जो देश प्रौद्योगिकी, रणनीति और अनुकूलन क्षमता में महारत हासिल करेगा, वही भविष्य की वैश्विक शक्ति बनेगा। वर्तमान में युद्ध सिर्फ जमीन, समुद्र और हवा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब ये साइबर स्पेस और आउटर स्पेस तक भी फैल चुके हैं।
एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने ‘रण संवाद’ में युद्ध को प्रभावित करने वाली नई तकनीकों जैसे क्वांटम टेक्नोलॉजी, एंटी-सैटेलाइट हथियार, डायरेक्टेड एनर्जी, हायपरसोनिक हथियार और हाई एनर्जी लेजर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आधुनिक युद्ध में इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और साइबर तकनीकों का भी बड़ा रोल होगा, जिसके लिए लगातार तकनीकी अपडेट रहना आवश्यक है।
नौसेना के वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने बताया कि एआई के जरिए स्वचालित ड्रोन खुद टारगेट खोजकर हमला करने में सक्षम हो चुके हैं। इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के तहत नेटवर्क जाम करना और दुश्मन की मिसाइलों को भटकाना भी संभव है। कम लागत वाले ड्रोन और साइबर वारफेयर से मुश्किल स्थानों पर सटीक हमले किए जा सकेंगे, जिससे दुश्मन को भारी नुकसान होगा। आगामी युद्ध आसमान और साइबर स्पेस में लड़ा जाएगा