Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। प्रदेश के कई हिस्सों में अगले दो दिन तक हल्की बारिश, आंधी और गरज-चमक के आसार हैं। मौसम विभाग ने भोपाल, जबलपुर, सागर और इंदौर संभाग के कई जिलों में बूंदाबांदी का अलर्ट जारी किया है। वहीं 6 नवंबर से मौसम साफ हो जाएगा और उसके बाद ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। जिसके असर से प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश हो सकती है। भोपाल, गुना, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, देवास, सागर, नरसिंहपुर, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा में बूंदाबांदी के आसार हैं। इनके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में तेज धूप खिली रहेगी।
मौसम विभाग के अनुसार, 6 नवंबर से उत्तरी हवाएं सक्रिय होंगी। जिसकी वजह से रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि, दिन का तापमान 30 डिग्री से ऊपर ही रहेगा। अगले सप्ताह से सुबह और रातों में ठंडक बढ़ने लगेगी। वहीं 15 नवंबर के बाद प्रदेश में तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा।
4 और 5 नवंबर को प्रदेश के दक्षिण और मध्य हिस्सों में हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना है। इसके बाद 6 नवंबर से आसमान साफ रहेगा और ठंडी हवाएं सक्रिय हो जाएंगी। यानी अब गर्मी की विदाई और सर्दी की दस्तक तय है।
इस साल अक्टूबर का महीना बारिश के लिहाज से बेहद खास रहा। औसतन 2.8 इंच बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य 1.3 इंच होती है यानी 121% ज्यादा। भोपाल में 2.8 इंच, जबलपुर में 3.3 इंच, ग्वालियर में 4.2 इंच और उज्जैन में 2.1 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। इंदौर में 3.4 इंच बारिश हुई, जो पिछले 10 साल में दूसरी सबसे बड़ी अक्टूबर की बारिश है।
इस बार प्रदेश के श्योपुर जिले में सबसे ज्यादा 6.52 इंच बारिश हुई, जबकि झाबुआ (5.52 इंच), सिंगरौली (5.35 इंच) और सीधी (5 इंच) में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई। वहीं खंडवा एकमात्र ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य से कम बारिश हुई। बाकी 53 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि, नवंबर के दूसरे सप्ताह तक मौसम में ठंडक बनी रहेगी, लेकिन दिन में तेज धूप रहेगी। नवंबर के दूसरे सप्ताह से खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में ठंड का असर बढ़ेगा। यहां उत्तरी हवाओं के सीधे प्रभाव से तापमान तेजी से लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक पहुंचा था, जबकि उज्जैन में 2.3 डिग्री का रिकॉर्ड दर्ज हुआ था। इस बार भी मौसम विभाग ने 15 नवंबर के बाद घना कोहरा और ठंडी सुबहों का अनुमान जताया है।