तोक्यो। जापान में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.6 दर्ज की गई। प्रशासन ने सुनामी का अलर्ट जारी किया है। भूकंप के बाद समुद्र का जलस्तर डेंजर लेवल तक पहुंच गया है। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक भूकंप इशिकावा प्रांत के अनामिजु शहर में आया। इसका केंद्र धरती से 10 किलोमीटर नीचे था। कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। फिलहाल किसी के मारे जाने की खबर नहीं है।
इंडियन एम्बेसी ने जारी किए इमरजेंसी नंबर
भारतीय समय के मुताबिक, दोपहर 12:40 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके 8 मिनट बाद ही 6.2 तीव्रता का पहला आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद 5.2 तीव्रता का दूसरा आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किया गया। 4 तीव्रता वाले 21 आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किए गए हैं। एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि 5 मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उठ सकती हैं। कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। जापान के एनएचके ब्रॉडकास्टर ने बताया कि जापान सागर तट के साथ निगाटा, टोयामा, यामागाटा, फुकुई और ह्योगो प्रान्त में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।
भूकंप के बाद सुनामी का खतरा देखते हुए इंडियन एम्बेसी ने इमरजेंसी नंबर जारी किए हैं। ये इस तरह हैं : + 81-80-3930-1715+ 81-70-1492-0049+ 81-80-3214-4734+ 81-80-6229-5382+ 81-80-3214-4722।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
- 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
- वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
- 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
- 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
- 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
- 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
- 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
- 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
- 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।