Shivani Gupta
25 Oct 2025
Manisha Dhanwani
25 Oct 2025
Manisha Dhanwani
25 Oct 2025
श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर में पिछले 115 साल में सबसे भारी बारिश ने राज्य में तबाही मचा दी है। मंगलवार 26 अगस्त से बुधवार 27 अगस्त की सुबह तक जम्मू में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1910 के बाद का सबसे अधिक आंकड़ा है। साथ ही इस बार हो रही भारी बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं को भी जन्म दिया है, जिससे राज्य में लगभग 36 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
जम्मू में हो रही मूसलधार बारिश ने जहां पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। वहीं स्थानीय नदियों और नालों का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया। इसके परिणामस्वरूप कई प्रमुख पुल, घर और सड़कें बह गईं, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। राहत कार्यों में भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन जुटे हुए हैं और बताया जा रहा है कि अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला जा चुका है। मगर तेज बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
कश्मीर में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। श्रीनगर और अनंतनाग में झेलम नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके कारण कई इलाकों में पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का अभियान तेज कर दिया है। साथ ही, बाढ़ के कारण कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है।
वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन के कारण अब तक 34 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं। तो वहीं भारी बारिश और भूस्खलन के चलते यात्रा मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं था, जिसके कारण यात्रा को दो दिन तक स्थगित किया गया। स्थानीय प्रशासन और सेना के जवान राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।
किश्तवाड़ और वारवान घाटी में मंगलवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे 10 घरों के ध्वस्त होने के साथ 300 से अधिक कनाल फसलें नष्ट हो गईं। इस इलाके के 50 गांवों में लगभग 40,000 लोग रहते हैं, जो अब बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण यह क्षेत्र अब मुख्यालय से कट चुका है, और यहां संचार सेवाएं भी लगभग ठप हो चुकी हैं।
लगातार हो रही बारिश ने चिनाब नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर दिया है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है और राहत कार्यों में तेजी लाई गई है। रामबन जिले के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी राहत टीमें अलर्ट पर रहने की अपील की है।
मौसम विभाग के अनुसार, 28 से 29 अगस्त तक जम्मू और कश्मीर में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन 30 अगस्त से 1 सितंबर के बीच फिर से भारी बारिश का अनुमान है। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट किया है और लोगों को राहत कार्यों में सहयोग करने की अपील की है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में राहत कार्यों का सिलसिला जारी है, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण स्थिति अभी भी बहुत चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन, सेना और राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) का प्रयास है कि जल्दी से जल्दी प्रभावितों तक सहायता पहुंचाई जाए और जनहानि को रोका जा सके।