Naresh Bhagoria
15 Dec 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में अब कोर हैबिटेट के पर्यटन क्षेत्रों में सोमवार से मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस संबंध में पीसीसीएफ(वाइल्ड लाइफ) शुभरंजन सेन से आदेश जारी कर दिए हैं। इधर, इस आदेश के बाद इन टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से निकलने वाली सड़कों को सूर्यास्त से सूर्योदय तक बंद करने के संबंध में आदेश भी जल्द हो सकते हैं।

पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शुभरंजन सेन ने बताया कि पार्कों में मोबाइल पर रोक लगाने की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीएन गोधावर्मन बनाम भारत संघ व अन्य प्रकरण में 17 नवंबर 2025 को दिए गए आदेश के पालन में की गई है। सेन ने बताया कि जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बिंदु क्रमांक 48.5 के अनुसार टाइगर रिजर्व के कोर हैबिटेट के पर्यटन क्षेत्रों में मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य के सभी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालकों को इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने को कहा गया है।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, टाइगर रिजर्व में मोबाइल फोन के उपयोग से न केवल वन्यजीवों की गतिविधियों में बाधा आती है, बल्कि फोटोग्राफी, वीडियो रिकॉर्डिंग और सोशल मीडिया के कारण वन्यजीवों की सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ता है। खासकर बाघों के कोर क्षेत्र में पर्यटकों द्वारा मोबाइल फोन का उपयोग उनके प्राकृतिक व्यवहार को प्रभावित करता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया है कि कोर के क्षेत्र से गुजरने वाली सड़कों को सूर्यास्त से सूर्योदय तक बंद रखा जाए, क्योंकि रात में लोग तेज रफ्तार से गाड़ियां चलाते हैं, जिससे वन्य जीवों की दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है। राज्य सरकार इस आदेश के परिपालन करने के लिए तैयारी कर रही है। इधर, यह आदेश जारी होता है तो रातापानी टाइगर रिजर्व के झिरी से कोलार तक की रोड और देलावाड़ी से होशंगाबाद रोड भी रात में बंद करने की नौबत आ सकती है।
कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना, संजय-डुबरी और वीरांगना दुर्गावती सहित कई प्रमुख टाइगर रिजर्व हैं, जहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। नए निर्देशों के बाद अब सफारी के दौरान पर्यटकों को मोबाइल फोन साथ ले जाने या उपयोग करने पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। रातापानी में टूरिस्ट से फोन होटल में रखवा लिए गए।
वन विभाग के आदेश के बाद हमने अपने सभी गेस्ट से कहा कि वे अपने मोबाइल होटल या गाड़ी में छोड़कर जाएं। इसका पालन शुरू हो गया है।
अंजली सिंह, डायरेक्टर, रातापानी जंगल लॉज
इस फैसले का स्वागत करते हैं। अब पार्क प्रबंधन को चाहिए कि वे पार्क के बाहर पर्यटकों के मोबाइल रखने के लिए लॉकर की व्यवस्था करें।
अजय दुबे, वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट, भोपाल