Manisha Dhanwani
25 Dec 2025
Shivani Gupta
25 Dec 2025
Manisha Dhanwani
25 Dec 2025
नई दिल्ली। FSSAI के अनुसार बाजार में हर्बल टी, रूइबोस टी और फ्लावर टी जैसे कई उत्पाद ‘चाय’ के नाम से बेचे जा रहे हैं, जबकि ये वास्तविक चाय की श्रेणी में नहीं आते। नियमों के तहत कांगड़ा टी, ग्रीन टी और इंस्टेंट टी भी तभी चाय मानी जाएंगी, जब वे Camellia sinensis से बनी हों।
FSSAI ने निर्देश दिए हैं कि हर खाद्य उत्पाद के पैकेट पर उसका सही और वास्तविक नाम स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए। जो पेय Camellia sinensis से तैयार नहीं होते, उन पर Tea या चाय शब्द का इस्तेमाल करना मिसब्रांडिंग माना जाएगा। ऐसे उत्पादों को प्रोप्राइटरी फूड या नॉन-स्पेसिफाइड फूड (2017) की श्रेणी में रखा जाएगा।
प्राधिकरण ने निर्माताओं, विक्रेताओं, आयातकों और ऑनलाइन बिक्री करने वाली कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत ऐसे उत्पादों से ‘चाय’ शब्द हटाएं, जो Camellia sinensis से नहीं बने हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के फूड सेफ्टी अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं।
इस फैसले के बाद हर्बल टी, डिटॉक्स टी और फ्लावर टी जैसे पेयों के नाम बदले जाएंगे। ये उत्पाद बाजार में उपलब्ध रहेंगे, लेकिन ‘चाय’ के नाम से नहीं बेचे जा सकेंगे। FSSAI का यह कदम चाय को लेकर फैले भ्रम को दूर करेगा और उपभोक्ताओं को यह समझने में मदद करेगा कि वे असली चाय पी रहे हैं या सिर्फ एक हर्बल पेय।