Naresh Bhagoria
26 Dec 2025
अशोक गौतम, भोपाल। अंकुर कॉलोनी शिवाजी नगर भोपाल निवासी गणेश कुमार दुबे कहते हैं कि वे आवारा कुत्तों से परेशान हैं। पारुल अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र के आसपास दो दर्जन से अधिक कुत्तों का डेरा है। यहां एक पार्क भी है। राहगीरों पर आवारा कुत्ते अचानक हमला करते हैं। क्षेत्र के डॉग प्रभारी सूचना पर रिस्पॉन्स नहीं देते। उधर राज्य सरकार आवारा कुत्तों से बचने के लिए नया प्लान बना रही है। जिसकी जानकारी 8 जनवरी को हाईकोर्ट में देना है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वर्ष 2024 के एक अध्ययन के अनुसार प्रदेश में 10 लाख से अधिक आवारा कुत्ते हैं। वर्ष 2024 में कुत्ते के काटने के मामलों में इंदौर सबसे ऊपर रहा, जहां 30,304 घटनाएं दर्ज की गईं। इसके बाद भोपाल में 19,285 और जबलपुर में 13,619 मामले दर्ज किए गए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छह बड़े शहरों में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम लागू कर रहा है। वहीं नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने संस्थागत परिसरों में श्वानों के काटने की घटनाओं की रोकथाम और आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है।
SOP के अनुसार प्रदेश में 6 माह से ज्यादा उम्र के कुत्तों की अनिवार्य रूप से नसबंदी की जाएगी। टीकाकरण भी जरूरी होगा। इसकी जिम्मेदारी नगरीय प्रशासन एवं पंचायत विभाग की होगी। SOP का विधि विभाग परीक्षण कर रहा है। पालतू कुत्तों का पंजीयन और नवीनीकरण जरूरी होगा।
आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें डॉग शेल्टर तक पहुंचाने और नसबंदी करने का काम नगर निगम का होगा। नगरीय क्षेत्रों में गैर सरकारी संगठनों तथा पंजीकृत स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और आहार की व्यवस्था की जाएगी। डॉग कैचर वाहन की व्यवस्था भी होगी। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी दल का गठन भी किया जाएगा। 24 घंटे चौकीदार, सफाईकर्मी, भोजन, दवाई की व्यवस्था, केयर टेकर व्यवस्था रहेगी।
शिक्षा संस्थाएं अस्पताल परिसर, पार्क, खेल परिसर, रेलवे स्टेशन, पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल बस स्टैंड। ऐसे क्षेत्रों में कुत्ताें का सर्वे होगा।
कुत्तों के काटने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार की जा रही है। इनके लिए आश्रय बनाने के साथ कई विभाग मिलकर काम करेंगे। सामाजिक संगठनों का भी सहारा लिया जाएगा। इसके अलावा इनसे बचने के लिए जनजागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा।
संजय दुबे, एसीएस, नगरीय विकास एवं आवास विभाग