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Manisha Dhanwani
25 Dec 2025
Shivani Gupta
24 Dec 2025
नई दिल्ली। देशभर में क्रिसमस का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार तड़के दिल्ली के कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन पहुंचे और क्रिसमस मॉर्निंग प्रेयर में हिस्सा लिया। चर्च में प्रार्थनाएं, कैरोल और भजन हुए। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई प्रमुख नेताओं ने भी देशवासियों को क्रिसमस और नए साल की शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली और उत्तर भारत के ईसाई समुदाय के लोगों के साथ कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में आयोजित क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा में शामिल हुए। इस दौरान चर्च में विशेष प्रार्थनाएं, कैरोल और भजन गाए गए। दिल्ली के बिशप रेव्ह डॉ. पॉल स्वरूप ने प्रधानमंत्री के लिए विशेष प्रार्थना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने चर्च यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए लिखा कि, क्रिसमस नई आशा, स्नेह और दयालुता के प्रति साझा संकल्प का पर्व है। उन्होंने कहा कि, प्रार्थना सभा में प्रेम, शांति और करुणा का शाश्वत संदेश झलकता है। आशा है कि क्रिसमस की भावना हमारे समाज में सद्भाव और मेलजोल को प्रेरित करेगी।
इससे पहले भी पीएम मोदी ने क्रिसमस पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए लिखा था कि, ईश्वर करे कि यीशु मसीह की शिक्षाएं हमारे समाज में सद्भाव को मजबूत करें।
पिछले कुछ वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईसाई समुदाय से जुड़े कार्यक्रमों में लगातार भाग लेते रहे हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी एक वीडियो संदेश जारी कर देशवासियों को क्रिसमस और नए साल की शुभकामनाएं दीं। वीडियो में वे क्रिसमस ट्री के पास खड़े नजर आए। राहुल गांधी ने कहा कि, यह त्योहार सभी के जीवन में खुशी, आनंद और समृद्धि लाए और प्रेम व करुणा से भर दे।
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने भी क्रिसमस की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व आशा, प्रेम और दया का संदेश देता है। उन्होंने कामना की कि यीशु मसीह की शिक्षाएं समाज को और अधिक सशक्त, करुणामय और शांतिपूर्ण बनाएं।
छत्तीसगढ़ में ईसाई धर्म का इतिहास भी काफी पुराना है। राज्य में करीब 727 चर्च हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों के छोटे चर्चों को मिलाकर यह संख्या 900 से अधिक बताई जाती है। पहला मिशनरी चर्च 18वीं सदी में बलौदाबाजार जिले के विश्रामपुर में बनाया गया था, जिसे ‘इम्मानुएल चर्च’ कहा जाता है। यह स्थान आज भी ईसाई समुदाय के लिए एक प्रमुख धार्मिक केंद्र माना जाता है।
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