Aakash Waghmare
12 Nov 2025
अशोक गौतम, भोपाल। मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने के लिए निवेशकों के लिए पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क भैंसोला (धार) और रिन्यूएबल एनर्जी पार्क बाबई-मोहासा पहली पसंद बन गए हैं। रिन्यूएबल एनर्जी पार्क के सभी प्लॉट बुक हो चुके हैं। यहां अकेले सात्विक सोलर इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड 10 हजार करोड़ से अधिक का निवेश करने जा
रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार, करीब 22 से अधिक उद्योगों ने वहां पर प्लॉट की और मांग की है, जिनके लिए उद्योग विभाग ने 14 सौ एकड़ जमीन सरकार से डिमांड की है। वहीं पीएम मित्रा पार्क के कुल क्षेत्रफल 1300 एकड़ में से 9 सौ एकड़ में प्लॉट बुक हो चुके हैं। निवेशकों को सरकार सस्ते दरों पर पानी और बिजली उपलब्ध करा रही है। साथ ही तमाम तरह के टैक्सों में छूट का प्रावधान रखा गया है।
पीएम मित्रा पार्क से किसानों को उचित मूल्य और वैश्विक पहचान मिलेगी। मप्र में 3.50लाख से अधिक कपास उत्पादक किसान हैं। अब तक वे केवल कच्चे कपास की बिक्री तक सीमित थे। पीएम मित्रा पार्क के आने से उनकी कीमत और बढ़ेगी। कपास से यार्न, फैब्रिक, गारमेंट और रेडीमेड परिधान तक की पूरी प्रक्रिया यहीं पूरी होगी। जैविक कपास से बने परिधान सीधे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स तक पहुंचेंगे। इसके साथ ही प्रदेश में कपड़े भी सस्ती दरों पर मिलेंगे।
बाबई के रिन्यूएबल एनर्जी पार्क से 36 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। अभी तक 1,634 एकड़ के क्षेत्र में सौ प्रतिशत प्लॉट बुक हो चुके हैं। 57 हजार करोड़ के निवेश के लिए उद्योगों ने अनुबंध किया है। आठ कंपनियों ने उद्योग लगाने के लिए काम भी शुरू कर दिया है। रिन्यूएबल एनर्जी पार्क में छोटे से लेकर बड़े तक उपकरण एक ही जगह बनाए जाएंगे। इसके साथ ही वहीं पर इन उपकरणों से जुड़े तमाम तरह के लैब भी बनाए जाएंगे, जहां पर जांच सुविधा रहेगी।
पीएम मित्रा पार्क में कपास की सफाई से लेकर धागा बनाने और कपड़े बनाने का काम एक ही जगह पर होगा। इससे टेक्सटाइल की एक चेन स्थानीय स्तर पर होगी। यहीं पर डिजाइन भी तैयार की जाएगी। इससे निर्माण में लागत कम आएगी।
एमपीएसआईडीसी के एमडी चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि पीएम मित्रा ओर रिन्यूएबल एनर्जी पार्क की तरफ उद्योगों का बड़ा रुझान है। रिन्यूएबल एनर्जी पार्क अब फुल हो चुका है। पीएम मित्रा में कुछ प्लॉट हैं। दोनों पार्कों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। वहीं नर्मदापुरम के स्थानीय रहवासी प्रमेंद्र सिंह का कहना है कि उद्योग लगने से स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिल जाएगा। अभी युवाओं को भोपाल और मंडीदीप तथा दूसरे शहरों में रोजगार की तलाश में जाना पड़ता है।