Naresh Bhagoria
7 Dec 2025
Manisha Dhanwani
6 Dec 2025
आज भारत और यूरोप के चार देशों स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन (EFTA समूह) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) लागू हो गया। यह भारत का इन चार विकसित यूरोपीय देशों के साथ पहला FTA है। इस समझौते में पहली बार निवेश और रोजगार से जुड़ी बाध्यकारी प्रतिबद्धता शामिल की गई है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसे ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि चारों EFTA देश अगले 15 साल में भारत में लगभग 100 अरब डॉलर निवेश करेंगे, जिससे करीब 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी।
इस समझौते से भारत में स्विट्जरलैंड की वाइन, चॉकलेट, कपड़े, बिस्किट, अंगूर, ड्राय फ्रूट्स, सब्जियां, कॉफी और घड़ियां जैसे उत्पाद सस्ते मिलेंगे।
भारत के चावल, दालें, फल (आम, अंगूर), कॉफी, चाय, समुद्री उत्पाद, कपड़े, खिलौने और इंजीनियरिंग सामान यूरोप में आसानी से बिकेंगे। इससे किसानों और छोटे उद्योगों को लाभ होगा।
इस FTA से यूरोप की उन्नत तकनीक भारत आएगी, जैसे- नवीकरणीय ऊर्जा, मेडिकल रिसर्च और स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स। इससे भारत की वैश्विक तकनीकी स्थिति मजबूत होगी।
इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, केमिकल्स और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को भी फायदा मिलेगा।
5 साल में: कॉड लिवर ऑयल, फिश बॉडी ऑयल, स्मार्टफोन
7 साल में: ऑलिव ऑयल, कोको, कॉर्न फ्लेक्स, इंस्टेंट टी, मशीनरी, साइकिल पार्ट्स, घड़ियां
10 साल में: एवोकाडो, एप्रिकॉट, कॉफी, चॉकलेट, मेडिकल इक्विपमेंट्स
भारत ने EFTA को 105 सब-सेक्टर्स में एक्सेस दी। वहीं भारतीय कंपनियों को 100 से ज्यादा क्षेत्रों में बेहतर पहुंच मिली है। इससे नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, आर्किटेक्चर और आईटी जैसी सेवाओं को लाभ होगा।
भारतीय फिल्म, ओटीटी, संगीत और गेमिंग कंपनियों के लिए यूरोपीय बाजार खुलेंगे। इससे बॉलीवुड और डिजिटल कंटेंट की ग्लोबल पहुंच बढ़ेगी।
भारत अब तक 16 देशों/ब्लॉक्स के साथ FTA कर चुका है, जिनमें श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, UAE, UK, मॉरीशस और ASEAN शामिल हैं। 2014 के बाद 5 नए FTA किए गए हैं- मॉरीशस, UAE, ऑस्ट्रेलिया, EFTA और UK। इसके अलावा अमेरिका, ओमान, यूरोपीय यूनियन, पेरू, चिली, न्यूजीलैंड और इजराइल के साथ बातचीत जारी है।
गोयल ने कहा कि यह पहला FTA है जिसमें निवेश की बाध्यकारी प्रतिबद्धता शामिल है। अगर EFTA देश निवेश पूरा नहीं करते हैं, तो भारत टैरिफ रियायतें वापस लेने का विकल्प रखता है। उन्होंने कहा कि चारों देशों की कुल जनसंख्या मुंबई से कम है, फिर भी साझेदारी बड़ी संभावनाओं वाली है।