Shivani Gupta
26 Sep 2025
प्रवीण श्रीवास्तव
भोपाल। केंद्र सरकार के ऐलान के बाद 22 सितंबर से दवाओं पर भी जीएसटी का नया स्लैब लागू हो गया है। कैंसर की दवाओं को जहां कर मुक्त यानी जीरो जीएसटी किया गया है, वहीं अन्य जीवन रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी 12% और 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। नए कर लागू होने से प्रदेश में लोगों को हर साल 1750 करोड़ रुपए का फायदा होगा। यही नहीं आॅल इंडिया आॅर्गनाइजेशन आॅफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के अनुसार मप्र का दवा बाजार करीब 13,014 करोड़ से ज्यादा का है। दुकानदार पसोपेश में: नया स्लैब लागू होने के बाद छोटे दुकानदारों का कहना है कि अगर जीएसटी कम होता है तो इसका सीधा असर उनके प्रॉफिट पर होगा। हमीदिया रोड स्थित मोहित मेडिकल के मुकेश चंदा ने बताया कि जैसे निर्देश मिलेंगे उनके अनुसार नए रेट पर दवा बेचना पड़ेगा।
जानकारी के मुताबिक राजधानी भोपाल में हर साल करीब 853 करोड़ रुपए का दवा कारोबार होता है। इस लिहाज से भोपाल में ग्राहकों को हर साल करीब 100 करोड़ रुपए का फायदा होगा। वहीं, इंदौर का दवा बाजार 1141 करोड़ से ज्यादा है। यहां हर साल 145 करोड़ रुपए तक का फायदा हो सकता है।
कैंसर के मरीजों को 25 हजार की राहत: कैंसर मरीज जो इनमें से एक या ज्यादा दवाओं पर निर्भर हैं, तो उनके मंथली बिल में 15 हजार से 25 हजार रुपए तक की बचत होने की उम्मीद है। यही नहीं, जिन 33 दवाओं पर टैक्स कम किया गया है। उससे मरीजों को हर महीने 10 से 20 प्रतिशत तक की बचत होने का अनुमान है, क्योंकि कुछ दवाएं पहले से ही सब्सिडाइज्ड हैं।
-डाराटुमेब (मल्टीपल मायलोमा कैंसर के लिए) : मंथली डोज 4 वॉयल का होता है। इसकी कीमत जीएसटी सहित 2.24 लाख थी। अब 24 हजार रु. का फायदा।
-ऐलेकटिनिब (लंग कैंसर के लिए): महीने में 60 कैप्सूल के डोज की कीमत टैक्स के साथ 1.68 लाख थी। अब 16 हजार की बचत होगी।
-ओसिमेरटिनिब (लंग कैंसर के लिए): प्रति दिन एक गोली के हिसाब से महीने मेंं 1.69 लाख की होती है। अब 16,000 हजार रुपए तक बचत होगी।
जीएमसी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस मीना बताते हैं कि मरीजों के 800 रुपए तक फायदा होगा। जीएमसी प्रोफेसर डॉ. मनुज शर्मा बताते हैं कि प्रति मरीज हर महीने 100 रुपए पर 10 से 12 रुपए की बचत होगी। यह मरीजों के आधार पर बदलती रहती है।
जीएमसी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस मीना बताते हैं कि मरीजों के 800 रुपए तक फायदा होगा। जीएमसी प्रोफेसर डॉ. मनुज शर्मा बताते हैं कि प्रति मरीज हर महीने 100 रुपए पर 10 से 12 रुपए की बचत होगी। यह मरीजों के आधार पर बदलती रहती है।
यह दूरदर्शी निर्णय न केवल सरकार की मरीजों के कल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दिखाता है, बल्कि लाखों भारतीयों के लिए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
राजीव सिंघल, महासचिव, एआईओसीडी