Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
राजीव सोनी/भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार अब कॉलेज के प्रोफेसर्स और डॉक्टरों को बाबूगिरी के काम से हटाएगी। इसके अलावा जल्द ही यह प्रावधान भी किया जा रहा है कि 20 साल से कम टीचिंग होने पर उन्हें 65 के बजाए 62 की उम्र में ही रिटायर कर दिया जाएगा। खासतौर पर आयुर्वेद के मेडिकल ऑफिसर के अलावा लेक्चरर व प्रोफेसर्स अटैचमेंट के नाम पर वर्षों से दूसरे विभागों, मंत्री स्टाफ अथवा संचालनालय में जमे हैं। इन सभी को उनके मूल काम पर वापस भेजा जाएगा। सरकार ने ऐसे डॉक्टर्स और प्रोफेसर्स की सूची तैयार करा ली है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि कई आयुर्वेद के कई मेडिकल ऑफिसर और कॉलेज के प्रोफसर्स ऐसे भी हैं जो अटैचमेंट के नाम पर अपने मूल स्थान के बजाए अपनी पसंद के विभाग अथवा शहर में वर्षों से जमे हुए हैं। इन्होंने न तो पब्लिक को चिकित्सा सेवाएं दीं और न ही कॉलेजों में अध्यापन किया। ये लोग हर सरकार में अपने रसूख और सियासी संपर्कों के जरिए मनचाही पोस्टिंग कराते रहे।
प्रदेश के शासकीय आयुर्वेद कालेजों की पूर्व के वर्षों में स्टाफ की कमी के चलते कई बार मान्यता खतरे में आ चुकी है। मोहन सरकार ने छानबीन के बाद ऐसे सभी लोगों की सूची तैयार कराई है। हाल ही में हुई लेक्चरर्स की भर्तियों के बाद स्टाफ तो पूरा हो गया लेकिन जो लोग अटैचमेंट के नाम पर दूसरी जगह जमे हैं, उन्हें हटाने की तैयारी की गई है।
प्रदेश के ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, रीवा, उज्जैन, बुरहानपुर और इंदौर में 7 शासकीय आयुर्वेद कालेज संचालित हैं। बुरहानपुर स्थित पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद कॉलेज की मान्यता स्टाफ क्राइसिस सहित अन्य कारणों से निरस्त होती रही है। मान्यता के लिए सरकार को एफिडेविड तक देना पड़ा। इस बार भी नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) नई दिल्ली ने 2025-26 सत्र के लिए मान्यता हाल ही में जारी की है।
सवाल- प्रोफेसर-डॉक्टर्स के लिए टीचिंग अनुभव कंपलसरी करने का क्या प्रस्ताव है?
जवाब- सरकार प्रावधान कर रही है जिन लोगों का टीचिंग एक्सपीरिएंस 20 साल से कम होगा उन्हें 62 वर्ष में रिटायर करेंगे।
सवाल- बाबूगीरी कर रहे प्रोफेसर-डॉक्टर्स के बारे में सरकार का क्या रुख है?
जवाब- हमने प्रोफेसर्स का अटैचमेंट खत्म कर दिया है, जो लोग बचे हैं उन्हें भी वापस करेंगे।
सवाल- बुरहानपुर सहित अन्य कॉलेजों में स्टाफ की स्थिति पर क्या कहेंगे?
जवाब- नई भर्ती के बाद अब यह दिक्कत नहीं है। पहले स्टाफ क्राइसिस रह चुकी है।
सवाल- दूसरे विभाग, मंत्री स्टाफ और संचालनालय में क्या अब भी अटैचमेंट वाले लोग तैनात हैं?
जवाब- कुछ लोग मंत्री स्टाफ और संचालनालय में भी हैं। व्यवस्था होते ही इन्हें भी जल्दी ही हटाएंगे।
सवाल- क्या यह सही है कुछ लोगों ने तो अपना मूल काम किया ही नहीं?
जवाब- हां, कई लोग ऐसे भी मिले हैं जिन्होंने महज 3-4 साल ही पढ़ाने का काम किया।
विभाग के कुछ प्रोफेसर्स और डॉक्टर जो कि अटैचमेंट और मर्जर के बाद दूसरे स्थानों पर कार्यरत हैं। इनमें डॉ.राजीव मिश्र, डॉ.किरण त्रिपाठी, डॉ लोकेश, डॉ.शिव कुमार मिश्र, डॉ.वसंती गुरु, डॉ.शुचि मिश्रा, डॉ.श्वेतल शिवहरे, डॉ.स्वाति नागपाल, डॉ.प्रीति चतुवेर्दी, डॉ. मनोज रावत, डॉ.पवन कुमार किरार, डॉ.राजेश कुमार मालवीय एवं डॉ.वंदना बोराना भी शामिल है।