Manisha Dhanwani
25 Dec 2025
Naresh Bhagoria
23 Dec 2025
Aakash Waghmare
22 Dec 2025
Manisha Dhanwani
22 Dec 2025
दुर्ग-भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई में 25 से 29 दिसंबर तक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा से पहले मीडिया से बातचीत में शास्त्री ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर कड़ा पलटवार किया। बघेल ने कथावाचक पं. धीरेंद्र शास्त्री और प्रदीप मिश्रा पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था। शास्त्री ने कहा कि, हिंदू समाज को जोड़ना, हनुमान भक्ति का प्रचार करना और राष्ट्रवाद फैलाना अंधविश्वास नहीं है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट किया कि, वे नेता नहीं हैं और आमतौर पर राजनीतिक बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं देते। लेकिन इस मामले पर अपनी बात रखना जरूरी था। उन्होंने कहा कि, हिंदू समाज को एकजुट करना, हनुमान भक्ति का प्रचार करना और राष्ट्रवाद की जागरूकता फैलाना किसी भी प्रकार का अंधविश्वास नहीं है। उनका कहना था कि, अगर यह अंधविश्वास है, तो जो लोग ऐसा मानते हैं, उन्हें देश छोड़ देना चाहिए।
शास्त्री ने हाल ही के बांग्लादेश के हालात का हवाला देते हुए कहा कि, वहां हिंदू होना अपराध बन गया है। उन्होंने दावा किया कि, दो दिन पहले केवल हिंदू होने के कारण एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया गया। उन्होंने भारत के सनातनी हिंदुओं से अपील की है कि, इस विषय पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है। शास्त्री ने चेतावनी दी कि, वह दिन दूर नहीं, जब भारत में भी हिंदू होना अपराध बन सकता है।
पंडित शास्त्री ने बताया कि, एक वर्ग 6% से बढ़कर 28% हो गया, जबकि हिंदुओं की हिस्सेदारी 90% से घटकर 80% रह गई। देश के 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। उन्होंने लव जिहाद का उल्लेख करते हुए चेतावनी दी कि, जब बहन-बेटियां इसमें फंसेंगी तब वास्तविक खतरे का एहसास होगा। इसके मद्देनजर हर हिंदू को सनातन एकता पर जोर देना आवश्यक है।
[featured type="Featured"]
धर्मांतरण के मुद्दे पर पंडित शास्त्री ने तीन मुख्य कारण बताए:
अशिक्षा: शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना जरूरी।
आर्थिक तंगी: समृद्ध हिंदुओं को गरीब हिंदुओं और गांवों को गोद लेकर मदद करनी चाहिए।
अंधविश्वास: भक्ति और हनुमान पर विश्वास मजबूत करना।
उन्होंने कहा कि, वे लगातार छत्तीसगढ़ में कथा, दिव्य दरबार और पदयात्रा के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाएंगे।
शास्त्री ने घर वापसी के लिए कहा कि, यह पूरी तरह स्वेच्छा से होगी। 27 दिसंबर को दिव्य दरबार में जो लोग सनातन को समझते हैं, वे लौट सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने आने वाले समय में सरगुजा-जशपुर क्षेत्र में पदयात्रा करने की भी योजना बनाई, जहां एशिया की सबसे बड़ी चर्च के सामने मंच स्थापित किया जाएगा।
संविधान पर सवाल पर पंडित शास्त्री ने कहा कि, उनके मन में संविधान के प्रति पूरी श्रद्धा है। वे एक हाथ में संविधान और दूसरे हाथ में गीता-रामायण लेकर जीवन जीते हैं। उनके अनुसार व्यवस्था संविधान में है और आस्था राम दरबार में। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदू राष्ट्र संविधान विरोधी नहीं है; इसे लोग अपने दिलों में चाहते हैं।
यह भी पढ़ें: जयपुर के चौमूं में पुलिस से भिड़े उपद्रवी : मस्जिद के बाहर से पत्थर हटाने पर किया पथराव, 6 घायल; इंटरनेट बंद
शास्त्री ने कहा कि सनातन बोर्ड की स्थापना होना बेहतर है, लेकिन अगर न बने तो संविधान बोर्ड बंद होना ज्यादा उचित होगा। उन्होंने छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि देश की उन्नति जातिवाद से नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद से होगी।
दुर्ग में धर्म और अंधविश्वास को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि, प्रदेश में दो कथावाचक महाराज आ रहे हैं- प्रदीप महाराज और धीरेंद्र शास्त्री महाराज। बघेल के अनुसार ये न तो भगवान शिव के बारे में बताते हैं और न ही हनुमान के बारे में, बल्कि केवल टोटका और अंधविश्वास फैलाते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि, आज समाज जितना पढ़ा-लिखा हो रहा है, उतना ही अंधविश्वासी भी बनता जा रहा है। आम लोग इन कथावाचकों से ज्यादा जानते हैं कि, शिव और हनुमान कौन हैं और पूजा कैसे की जाती है।
भूपेश बघेल ने कहा कि, मुगल शासन, सुल्तानों का शासन और मुसलमान सत्ता में होने के बावजूद हिंदू कभी खतरे में नहीं था। आजादी के समय भी हिंदू समाज सुरक्षित था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि, जब से आरएसएस और बीजेपी की सरकार बनी है, तब से हिंदू खतरे में है की बात को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका कहना था कि यही डर दिखाकर शासन चलाया जा रहा है और अब लोग खुद को हिंदू नहीं, बल्कि सनातनी कहने लगे हैं।
यह भी पढ़ें: बीजापुर में नक्सल साजिश नाकाम : सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता, 25 किलो के दो IED और 110 सुतली बम बरामद