Manisha Dhanwani
26 Dec 2025
कच्छ। गुजरात के कच्छ जिले में शुक्रवार सुबह करीब 4:30 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप (Kachchh Earthquake) की तीव्रता 4.4 रिक्टर स्केल मापी गई। राहत की बात यह है कि, अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था और इसका स्थानांक 23.65° उत्तर अक्षांश तथा 70.23° पूर्व देशांतर पर स्थित था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी शेयर कर इसकी पुष्टि की।
अप्रैल 2025 में भी कच्छ में 4.3 तीव्रता का हल्का भूकंप आया था, जिसकी गहराई 20 किलोमीटर थी। भूकंप के झटके सुबह-सुबह लोगों को महसूस हुए, जिससे कई लोग डर के मारे घरों से बाहर निकले।
26 जनवरी 2001 को कच्छ में 6.9 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसका केंद्र भचाऊ के पास था। इस भूकंप में करीब 13,800 लोगों की मौत हुई, जबकि लगभग 1.67 लाख लोग घायल हुए। गुजरात स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (GSDMA) के अनुसार, यह पिछले 200 वर्षों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप माना जाता है।
कच्छ क्षेत्र को सक्रिय सीस्मिक जोन माना जाता है, इसलिए यह भूकंप के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है। यहां सालाना कई हल्के भूकंप आते रहते हैं और पूरे इलाके में बड़े भूकंप की संभावना हमेशा बनी रहती है।
हालिया अध्ययन के अनुसार, कच्छ क्षेत्र के नीचे कई फॉल्ट लाइन्स और डिफॉर्मेशन सक्रिय हैं। ये भूवैज्ञानिक संरचनाएं लगातार हल्के और बड़े भूकंप का कारण बनती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि, कच्छ क्षेत्र आज भी बड़े भूकंप के जोखिम से पूरी तरह मुक्त नहीं है और इसके लिए सतर्क रहना आवश्यक है।
यह भी पढ़ें: PM Modi बोले... एक परिवार ने देश को बंधक बनाया था, भाजपा ने मुक्त कराया
भूकंप का मुख्य कारण पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स की गति और टकराहट है। पृथ्वी की बाहरी परत, जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मेंटल शामिल हैं, 15 बड़ी और छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें स्थिर नहीं रहतीं, बल्कि धीरे-धीरे हिलती-डुलती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती या रगड़ खाती हैं, तो ऊर्जा का अत्यधिक दबाव बनता है। यह ऊर्जा अचानक बाहर निकलती है और भूकंप के झटके धरती पर महसूस होते हैं।
0-1.9: केवल सिस्मोग्राफ पर पता चलता है।
2-2.9: हल्का कंपन।
3-3.9: ट्रक के गुजरने जैसा असर।
4-4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं, फ्रेम गिर सकते हैं।
5-5.9: भारी फर्नीचर हिल सकता है।
6-6.9: इमारतों की नींव दरक सकती है।
7-7.9: इमारतें गिर सकती हैं, पाइप फट सकते हैं।
8-8.9: बड़े पुल और इमारतें गिर सकती हैं।
9 से ज्यादा: पूरी तबाही, सुनामी का खतरा।
यह भी पढ़ें: Peoples Update Special : इंदौर पहुंची 15 करोड़ की रॉल्स रॉयस कलिनन सीरीज-2, MP की पहली डिलीवरी