नई दिल्ली। प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स ने साल 2025 के लिए दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली देशों की सूची जारी कर दी है। इस बार की सूची में भारत को टॉप 10 में स्थान नहीं मिला, जिससे कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, भारत इस समय 12वें स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान टॉप 20 में भी शामिल नहीं हो पाया है।
लिस्ट में टॉप पर अमेरिका
फोर्ब्स की इस नई सूची में अमेरिका पहले स्थान पर कायम है। चीन दूसरे स्थान पर है, जो वैश्विक प्रभाव बढ़ाने के लिए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और AI एवं 5G जैसी तकनीकों में निवेश कर रहा है। रूस तीसरे स्थान पर है, जो अपनी सैन्य शक्ति और प्राकृतिक संसाधनों के बल पर वैश्विक स्तर पर प्रभावी भूमिका निभा रहा है।
भारत को क्यों नहीं मिला टॉप 10 में स्थान
फोर्ब्स ने इस रैंकिंग को तैयार करने के लिए पांच महत्वपूर्ण मानदंडों को आधार बनाया है, जिसमें एक मजबूत नेता, आर्थिक प्रभाव, राजनीतिक प्रभाव, अंतरराष्ट्रीय गठबंधन और मजबूत सेना जैसे कारक शामिल हैं।
हालांकि भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और आंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभाव बढ़ा रहा है, लेकिन कुछ कारकों के कारण भारत इस बार टॉप 10 में जगह नहीं बना सका।
टॉप 10 सबसे शक्तिशाली देशों की सूची
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)- तकनीक, वित्त और मनोरंजन के क्षेत्र में अग्रणी अमेरिका अग्रणी है। अमेरिकी प्रशासन बुनियादी ढांचे और जलवायु पहल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- चीन- वैश्विक व्यापार और प्रौद्योगिकी में अग्रणी चीन अग्रणी बन रहा है। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय प्रभाव बढ़ा रहा है।
- रूस- सैन्य शक्ति और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के कारण रूस की प्रभाव शक्ति बढ़ी है। रूस अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भी महत्वाकांक्षी योजनाओं को लेकर तत्परर है।
- यूनाइटेड किंगडम- ब्रेक्जिट के बाद नए व्यापार समझौतों और आर्थिक साझेदारियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- जर्मनी- यूरोपीय संघ में हरित ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है। वहीं, डिजिटल परिवर्तन और उत्पादन क्षेत्रों में निवेश कर रहा है।
- दक्षिण कोरिया- तकनीकी नवाचार में अग्रणी, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने पर दक्षिण कोरिया काफी जोर दे रहा है।
- फ्रांस- डिजिटल इनोवेशन और हरित ऊर्जा में निवेश कर रहा है। यूरोपीय संघ के भीतर महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक भूमिका निभा रहा है।
- जापान- ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में अग्रणी, AI और इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश कर रहा है, लेकिन घटती जनसंख्या जापान के लिए एक बड़ी चुनौती है।
- सऊदी अरब- तेल से समृद्ध देश, जो अर्थव्यवस्था के विविधीकरण और पर्यटन में बड़े निवेश कर रहा है। वहीं, सऊदी 2034 में FIFA विश्व कप की मेजबानी की योजना बना रहा है।
- इजराइल- उन्नत तकनीक और नवाचार में अग्रणी, सुरक्षा और रक्षा नीतियों को मजबूत कर रहा है।
भारत को टॉप 10 से बाहर करने पर उठ रहे सवाल
भारत के टॉप 10 में स्थान न मिलने पर विशेषज्ञों और आम नागरिकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि भारत वैश्विक स्तर पर तेजी से उभर रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय गठबंधन और सैन्य प्रभाव के मामले में अन्य देशों की तुलना में अभी भी थोड़ा पीछे है।
BAV ग्रुप ने तैयार की रैंकिंग
इस सूची को तैयार करने का कार्य BAV ग्रुप द्वारा किया गया है, जो कि वैश्विक मार्केटिंग कम्युनिकेशन कंपनी WPP की एक यूनिट है। इस रिसर्च टीम का नेतृत्व पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल के प्रोफेसर डेविड रीबस्टीन ने किया है।
क्या भारत अगले साल टॉप 10 में शामिल होगा
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में मजबूती को देखते हुए आने वाले वर्षों में भारत टॉप 10 सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में वापसी कर सकता है। भारत की सैन्य शक्ति, तकनीकी नवाचार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है, जो भविष्य में इसकी रैंकिंग को बेहतर कर सकता है।
कैसी दिखती है टॉप देशों की रैंकिंग
रैंक |
देश |
GDP (ट्रिलियन डॉलर) |
जनसंख्या (करोड़) |
क्षेत्र |
1 |
अमेरिका |
30.34 |
34.5 |
उत्तरी अमेरिका |
2 |
चीन |
19.53 |
141.9 |
एशिया |
3 |
रूस |
2.2 |
14.4 |
यूरोप |
4 |
यूके |
3.73 |
6.91 |
यूरोप |
5 |
जर्मनी |
4.92 |
8.45 |
यूरोप |
6 |
दक्षिण कोरिया |
1.95 |
5.17 |
एशिया |
7 |
फ्रांस |
3.28 |
6.65 |
यूरोप |
8 |
जापान |
4.39 |
12.37 |
एशिया |
9 |
सऊदी अरब |
1.14 |
3.39 |
एशिया |
10 |
इजराइल |
0.55 |
0.93 |
एशिया |
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