
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को मणिपुर में बड़ा झटका लगा है। मणिपुर में जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के छह में से पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। देर रात इस राजनीतिक गतिविधि ने मणिपुर और बिहार दोनों जगह सियासी भूचाल ला दिया है।
इन पांच विधायकों ने बदला पाला
भाजपा जॉइन करने वाले जेडीयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार शामिल हैं। अभी तक इन विधायकों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। भाजपा में शामिल नहीं होने वाले छठे विधायक मोहम्मद नासिर हैं, जो लिलोंग विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए थे।
इससे पहले 25 अगस्त को भी जदयू को बड़ा झटका लगा था। उस समय अरुणाचल प्रदेश में जदयू के एकमात्र विधायक तेकी कासो जेडीयू छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे।
विधायकों के बीजेपी में विलय को स्वीकार किया गया
मणिपुर विधानसभा के सचिव के मेघजीत सिंह के मुताबिक, जेडीयू के पांच विधायकों के बीजेपी में विलय को स्वीकार कर लिया गया है। संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत इसे स्वीकार किया गया है।
बता दें कि, इस साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 38 में से 6 सीटें जीती थीं। लेकिन अब उन 6 विधायकों में से 5 ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, ऐसे में अब सिर्फ एक ही जेडीयू के पास रह गया है।
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कांग्रेस ने की तीखी आलोचना
विपक्षी कांग्रेस ने जदयू विधायकों के फैसले की आलोचना की है। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता निंगोमबम बुपेंडा मैतेई ने ट्वीट कर कहा. “मणिपुर के जद (यू) के 6 विधायकों में से 5 का भाजपा में विलय न केवल असंवैधानिक है, बल्कि यह अधिनियम भारत के संविधान के तहत अयोग्यता को भी ठहराता है। संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाने के लिए हम दलबदलू विधायकों के मुद्दे पर उच्च न्यायालय जाएंगे।
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