Naresh Bhagoria
13 Nov 2025
दिल्ली के लाल किला आतंकी हमले में एक और जख्मी ने दम तोड़ दिया है। 35 वर्षीय बिलाल हसन की बुधवार रात एलएनजेपी अस्पताल में मौत हो गई। बिलाल को धमाके में गंभीर चोटें आई थीं — उनकी आंतें और फेफड़े फट गए थे। सोमवार को उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। अब तक इस हमले में 13 लोगों की जान जा चुकी है।
एलएनजेपी अस्पताल में अभी भी 20 घायल मरीजों का इलाज जारी है। इनमें से तीन की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है और उन्हें लगातार आईसीयू में मॉनिटर किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कई मरीजों के शरीर पर गहरी जलन और आंतरिक चोटें हैं।
जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि हमले में शामिल ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ के चार डॉक्टरों ने विस्फोटक सामग्री खरीदने के लिए 26 लाख रुपये जुटाए थे। इन डॉक्टरों के नाम हैं- डॉ. मुजम्मिल गनई, डॉ. अदील अहमद राथर, डॉ. शाहीन सईद और डॉ. उमर नबी। सभी ने नकद रकम इकट्ठा कर डॉ. उमर को सौंप दी थी, जो हमले के वक्त हुंडई i20 कार चला रहा था।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर, हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर था। जांच एजेंसियों का कहना है कि उमर ने इस रकम से गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से करीब 26 क्विंटल NPK खाद खरीदी, जिसका इस्तेमाल आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, हमले से कुछ दिन पहले उमर और मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर झगड़ा हुआ था। अब जांचकर्ता इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्या यही विवाद हमले की टाइमिंग या प्लानिंग पर असर डाल गया। पुलिस फिलहाल वित्तीय लेन-देन और खाद आपूर्ति रिकॉर्ड की बारीकी से जांच कर रही है।