Aditi Rawat
13 Nov 2025
Naresh Bhagoria
13 Nov 2025
इंदौर। देश के कई राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश सौभाग्यशाली प्रदेश है। इस कॉन्क्लेव से प्रदेश में 15,896 करोड़ रुपए का निवेश आने वाला है और 64,085 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह आयोजन प्रदेश की अर्थव्यवस्था और तकनीकी क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0’ में कही। सीएम ने कहा कि इंदौर, बेंगलुरु जैसी बड़ी सिटी की तरह विकास के पंख फैलाकर आगे बढ़ रहा है। मैं सिर्फ इंदौर की नहीं बात करूंगा बल्कि जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर और भोपाल जैसे शहर भी तेजी से विकास की ओर अग्रसर हैं। यह एक आयोजन नहीं, बल्कि एमपी के भविष्य का घोषणा पत्र है। उज्जैन, इंदौर, देवास और धार को लेकर जो मेट्रोपॉलिटन प्लान तैयार किया है, उसमें फिनटेक टेक्नोलॉजी और साइंस सिटी बनाने की योजना शामिल है।

मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि इस कॉन्क्लेव में छोटे और मध्यम उद्योगों को भी शामिल किया गया है, ताकि हर स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ें और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिल सके। इस दौरान राज्य सरकार ने भारतीय सेना के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए। यह करार तकनीकी और सुरक्षा क्षेत्र में नए सहयोग के रास्ते खोलेगा और नवाचार आधारित परियोजनाओं को बढ़ावा देगा।

सीएम यादव ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि भोपाल में हम एक ‘नॉलेज सिटी' विकसित करेंगे। जो साइबर सिटी की तर्ज पर होगी। इसके लिए 45 एकड़ जमीन आवंटित की जा रही है। यह परियोजना भविष्य में छात्रों के लिए ज्ञान और प्रयोग का केंद्र बनेगी।
‘मध्यप्रदेश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति 2025’ का प्रारूप भी पेश किया गया। इस नीति का प्रमुख लक्ष्य उज्जैन को देश के नए अंतरिक्ष नवाचार केंद्र के रूप में विकसित करना है। यह पहल उज्जैन की प्राचीन खगोल परंपरा को आधुनिक अंतरिक्ष तकनीकों से जोड़ने का प्रयास है। नीति का यह मसौदा IN-SPACE के तहत जारी राष्ट्रीय अंतरिक्ष सुधारों के अनुरूप तैयार किया गया है, जिससे उपग्रह निर्माण और प्रक्षेपण सेवाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।