Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा में लाने-ले जाने की अनुमति नहीं होगी। जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसे बच्चों के लिए असुरक्षित मानते हुए सोमवार से स्कूली ई-रिक्शा परिवहन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है। यह फैसला ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने को लेकर हुई सांसद आलोक शर्मा की बैठक के बाद लिया गया।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि भोपाल के कई स्कूलों में छोटे बच्चों को लाने-ले जाने के लिए ई-रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है। यह स्थिति बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद चिंताजनक है, क्योंकि ई-रिक्शा के पलटने और ओवरलोडिंग जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि सोमवार से कोई भी ई-रिक्शा स्कूल ट्रांसपोर्ट के रूप में उपयोग में नहीं लिया जाएगा।

दरअसल, शुक्रवार को भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें जिला प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक में भोपाल में अव्यवस्थित ट्रैफिक और ई-रिक्शा के बढ़ते उपयोग पर चिंता जताई गई थी। खास तौर पर यह मुद्दा उठा कि ई-रिक्शा में स्कूली बच्चों को बैठाकर स्कूल भेजना न तो सुरक्षित है और न ही नियमों के अनुरूप।
बैठक के दौरान जब पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कोई ठोस वर्किंग प्लान लेकर नहीं पहुंचे, तो सांसद आलोक शर्मा ने उन्हें फटकार भी लगाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ट्रैफिक सुधार के लिए जिम्मेदारी निभाना सभी विभागों की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस बैठक में यह भी तय किया गया कि भोपाल के 43 लेफ्ट टर्न को व्यवस्थित करने के लिए 3 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है और एक सप्ताह में इस पर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
कलेक्टर ने संकेत दिए हैं कि ई-रिक्शा के संचालन को लेकर एक विस्तृत नीति तैयार की जा रही है। इस नीति के अंतर्गत नाबालिग चालकों पर रोक, ओवरलोडिंग पर सख्ती और स्कूलों व भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ई-रिक्शा के संचालन को नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नीति लगभग तैयार है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।