
नई दिल्ली। पाकिस्तान के लिए खुफिया जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार हुए CRPF जवान को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। जवान की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है, क्योंकि यह वही जवान है जिसकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में थी, जहां 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। सबसे हैरानी की बात यह है कि मोतीराम का ट्रांसफर इस हमले से ठीक 6 दिन पहले यानी 16 अप्रैल को किया गया था। अब NIA मामले की गहराई से जांच कर रही है।
आतंकी हमले से पहले हटाया गया
CRPF की 116वीं बटालियन में ASI पद पर तैनात मोतीराम जाट की तैनाती पहलगाम में थी। पहलगाम वही स्थान है जहां 22 अप्रैल को आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया था। हमले से कुछ ही दिन पहले, 16 अप्रैल को मोतीराम का ट्रांसफर कर दिया गया था, जिससे उसके ऊपर शक और गहराता चला गया।
2023 से दे रहा था खुफिया जानकारी
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 26 मई को मोतीराम को दिल्ली से गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी के मुताबिक, वह 2023 से पाकिस्तान को भारत की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ दे रहा था। इसके बदले में उसे विभिन्न माध्यमों से पैसा भी मिलता था। कोर्ट में पेशी के बाद उसे 6 जून तक NIA की कस्टडी में भेजा गया है।
सोशल मीडिया एक्टिविटी से खुली पोल
CRPF ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने जवान की सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की थी, जिसमें प्रोटोकॉल का उल्लंघन पाया गया। इस पर मोतीराम को 21 मई से सेवा से हटा दिया गया और पूरी जानकारी NIA को सौंप दी गई। अब आगे की जांच जारी है।
गुजरात में भी ATS की गिरफ्त में आया पाक एजेंट
CRPF जवान की गिरफ्तारी से पहले गुजरात के कच्छ जिले से 24 मई को सहदेव सिंह गोहिल नामक एक युवक को भी पाकिस्तानी एजेंट को फोटो और वीडियो भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गोहिल गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी कर रहा था। ATS के मुताबिक, जून 2023 में अदिति भारद्वाज नाम की एक महिला ने उससे संपर्क किया और धीरे-धीरे उससे BSF और नेवी की यूनिट्स की तस्वीरें और वीडियो मंगवाए। पहली बार जानकारी भेजने पर गोहिल को 40 हजार रुपए नकद दिए गए थे।
हरियाणा में भी यूट्यूबर जासूसी के आरोप में गिरफ्तार
इससे पहले 15 मई को हरियाणा के हिसार से एक यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि जासूसी के लिए महिलाओं की फर्जी पहचान बनाकर सोशल मीडिया और वॉट्सएप के जरिए लोगों को फंसाया जा रहा है।
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