पीपुल्स ब्यूरो
भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा कोयले पर कंपनसेशन सेस (क्षतिपूर्ति उपकर) खत्म करने का फैसला 22 सितंबर से लागू हो जाएगा। हालांकि प्रदेश के 25 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इसका फायदा नवंबर और दिसंबर के बिलों में मिलेगा। वहीं तीनों बिजली कंपनियों को इसका लाभ सोमवार से मिलने लगेगा। सेस हटाने से 150 से ज्यादा यूनिट खपत वाले उपभोक्ताओं को फायदा होगा। 300 यूनिट खपत वाले उपभोक्ताओं के बिल में औसत 66 रु. प्रतिमाह की कमी आएगी।
जानकारों का कहना है कि सालाना टैरिफ को छोड़ दें, तो बिजली दरों में जो बदलाव आते हैं, उसका लाभ या नुकसान उपभोक्ताओं को दो माह बाद जारी होने वाले बिलों में मिलता है। इसे फ्यूल एंड पॉवर परचेस एडजस्टमेंट सरचार्ज कहा जाता है। 22 सितंबर से कोयले की खरीदी पर सेस खत्म हो जाएगा। 22 से 30 सितंबर यानी 8 दिन का फायदा नवंबर के बिल में और अक्टूबर माह का फायदा दिसंबर के बिल में मिलेगा।
-सेस हटाने से कोयला की कीमत कम हो जाएगी।
-इससे बिजली उत्पादन की लागत 21.83 पैसे/यूनिट कम हो जाएगी।
-हालांकि कोयले की मूल कीमत 837 रुपए प्रति टन ही रहेगी।
-इससे बिजली 22 पैसे प्रति यूनिट सस्ती हो जाएगी।
-इसका फायदा उन घरेलू उपभोक्ताओं को होगा, जिनकी औसत मासिक खपत 150 यूनिट से ज्यादा है।
अब तक कोयले पर 5 प्रतिशत जीएसटी और 400 रुपए प्रति टन कंपनसेशन सेस लगता था। केंद्र ने कोयले पर जीएसटी 18 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन सेस को हटा दिया है। सेस हटाने से टैरिफ स्लैब तो नहीं बदलेगा, लेकिन फ्यूल चार्ज में कमी होगी। इसी कारण बिजली सस्ती होगी। अभी तक जी-13 गे्रड के एक टन कोयले की कीमत 1278.85 रुपए पड़ती थी, जो अब घटकर 987.66 रुपए रह जाएगी। इस ग्रेड का कोयला आमतौर पर थर्मल पॉवर प्लांट में उपयोग होता है।
100 यूनिट खपत वाले उपभोक्ताओं को कोयले से सेस खत्म करने का फायदा नहीं मिलेगा। अटल ज्योति योजना के तहत मप्र में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या करीब 80 लाख है। यह फायदा सीधे सरकार को जाएगा।
अगर सरकार बिजली की दरें कम कर रही है तो यह हमारे लिए अच्छी खबर है। देर से ही सही और ज्यादा नहीं थोड़ी भी राहत मिलती है तो यह छोटी-छोटी बचत हमें आगे फायदा पहुंचाएगी।
हरिसिंह पाटकर, उपभोक्ता, बाग सेवनिया, भोपाल
कोयले पर भले ही सोमवार से सेस खत्म हो जाएगा, लेकिन सस्ती बिजली तत्काल नहीं मिलेगी। वजह यह है कि दो महीने का र्इंधन चार्ज तीसरे महीने के बिल में एडजस्ट किया जाता है। नवंबर में आंशिक और दिसंबर से इसका पूरी तरह से फायदा मिलेगा।
राजेंद्र अग्रवाल, रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य अभियंता, एमपी जेनेको